भारतीय रिजर्व के गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा है कि कोरोना में लागू किए गए उपायों को जल्दी नहीं हटाया जाएगा। हमारे तरकश में अभी काफी तीर हैं। यह खत्म नहीं हुए हैं। गवर्नर के इस बयान का मतलब साफ है कि जो भी राहत या सुविधा शुरू की गई है वह अभी भी आगे जारी रहेगी। साथ ही जरूरत पर कुछ और सुविधा आगे दी जा सकती है।
बैंकिंग सिस्टम मजबूत और स्थिर है
एक कार्यक्रम में गवर्नर दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए किए गए उपायों को जल्द नहीं हटाया जाएगा। इसमें ब्याज दरों में कटौती ही क्यों न हो। सभी को जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि देश का बैंकिंग सिस्टम मजबूत और स्थिर है। कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में भी भारत के बैंकिंग सिस्टम ने अपनी क्षमता बरकरार रखी है।
सावधानी से आगे बढ़ना होगा
बता दें कि रिजर्व बैंक ने 6 अगस्त को अपनी मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। इससे पहले दो बैठक में दरों को कम किया गया था। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महामारी की रोकथाम के बाद अर्थव्यवस्था को मजबूती के रास्ते पर लाने के लिए सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा। किसी भी तरह से यह नहीं मानना चाहिए कि आरबीआई उपायों को जल्द हटा लेगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप और अन्य पहलुओं पर एक बार स्पष्टता होने के बाद आरबीआई महंगाई और आर्थिक वृद्धि पर अपने पूर्वानुमान देना शुरू कर देगा।
बैंकों का विलय सही कदम है
गवर्नर ने कहा कि कुल मिलाकर बैंकिंग क्षेत्र लगातार मजबूत और स्थिर बना हुआ है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय सही कदम है। उन्होंने कहा कि बैंक स्ट्रेस का सामना करेंगे लेकिन अधिक महत्वपूर्ण यह है कि बैंक चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं। गवर्नर के बयान से दोपहर के कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 40 पैसे मजबूत होकर 73.90 पर पहुंच गया। बुधवार को 74.30 पर बंद हुआ था।
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