कतर एयरवेज समूह ने रविवार को मार्च में समाप्त कारोबारी साल में 1.9 अरब डॉलर का घाटा दर्ज किया। कंपनी ने इस घाटे के लिए कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया। इनमें चार अरब देशों सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बहरीन और मिस्र द्वारा कतर का बायकॉट, कोरोनावायरस महामारी और एयर इटली का लिक्विडेशन भी शामिल हैं।
कंपनी ने कहा कि उसने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन 2019-20 विमानन कंपनी के इतिहास के सबसे कठिन वर्षों में से एक रहा। कतर के खिलाफ अवैध एयरस्पेस ब्लॉकेड, बहुमत शेयरधारकों द्वारा एयर इटली का लिक्विडेशन, अकाउंटिंग पॉलिसी एवं रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड्स में बदलाव और कोरोनावायरस संकट जैसे कारणों से उसने कारोबारी साल 2019-20 के लिए 7 अरब कतारी रियाल (क्यूएआर) (1.9 अरब डॉलर) का घाटा दर्ज किया। एयर इटली में कतर एयरवेज की 49 फीसदी हिस्सेदारी थी।
विरोधी परिस्थितियां नहीं होतीं तो कंपनी का परफॉर्मेंस पिछले साल के मुकाबले बेहतर होता
कंपनी ने एक बयान में कहा कि ये विरोधी परिस्थितियां नहीं होतीं, तो ऑपरेटिंग और नेट आधार पर समूह का परफॉर्मेंस इससे पिछले साल के परफॉर्मेंस से बेहतर होता। उदाहरण के तौर पर ग्रुप का कुल रेवेन्यू और अन्य ऑपरेटिंग इनकम एक साल पहले के मुकाबले 6.4 फीसदी बढ़कर 51.1 अरब कतारी रियाल दर्ज किया गया। पैसेंजर रेवेन्यू 8.9 फीसदी बढ़ा और कैपेसिटी में 3.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यात्रियों की संख्या 9.8 फीसदी बढ़कर 3.24 करोड़ पर पहुंच गई।
कंपनी 6 महादेशों के 90 से अधिक गंतव्यों के लिए हर सप्ताह 650 से ज्यादा उड़ानों का संचालन कर रही है
कोरोनावायरस महामारी के दौरान कतर एयरवेज के गंतव्यों की संख्या कभी भी 30 से नीचे नहीं घटी। कंपनी ने इस दौरान 5 महादेशों में अपनी सेवा जारी रखी। अभी कंपनी 6 महादेशों में 90 से अधिक गंतव्यों के लिए हर सप्ताह 650 से ज्यादा उड़ानों का संचालन कर रही है।
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