पेटीएम के बाद स्विगी और जोमैटो पर भी लगा स्पोर्ट्स बैटिंग का आरोप, गूगल ने थमाया नोटिस

डिजिटल पेमेंट ऐप कंपनी पेटीएम के बाद फूड डिलिवरी ऐप जोमैटो और स्विगी पर भी स्पोर्ट्स बैटिंग से जुड़ी गतिविधियों का आरोप लगा है। गूगल ने इन कंपनियों के इन-ऐप गेमिंग फीचर को प्ले स्टोर की गाइडलाइंस का उल्लंघन माना है। गूगल ने दोनों कंपनियों को नोटिस थमाया है। दोनों ही कंपनियों ने गूगल से नोटिस मिलने की पुष्टि की है।

गूगल का नोटिस अनुचित: जोमैटो

जोमैटो के प्रवक्ता ने नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए इसे अनुचित बताया है। प्रवक्ता का कहना है कि हम एक छोटी कंपनी हैं। हम पहले ही अपनी कारोबारी रणनीति को गूगल की गाइडलाइंस के मुताबिक बदल चुके हैं। प्रवक्ता के मुताबिक, कंपनी इस सप्ताह के अंत तक जोमैटो प्रीमियर लीग को दूसरे कार्यक्रम के साथ बदल देगी। इस मामले पर स्विगी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि गूगल से नोटिस मिलने के बाद कंपनी ने इन-ऐप फीचर को रोक दिया है।

आईपीएल से कमाई करना चाहती हैं कंपनियां

इस समय इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का आयोजन हो रहा है। विभिन्न कंपनियां इससे कमाई करना चाहती हैं। ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को लुभाने और बिक्री बढ़ाने के लिए अधिकांश कंपनियां अपने ऐप में गेमिंग फीचर लेकर आई हैं। 18 सितंबर को गूगल ने पेटीएम ऐप को भी करीब 4 घंटे के लिए प्ले स्टोर से हटा दिया था। गूगल ने आरोप लगाया था कि पेटीएम ने स्पोर्ट्स बैटिंग गतिविधियों से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन किया है। कैशबैक फीचर को हटाए जाने के बाद पेटीएम प्ले स्टोर पर लौट आया था।

पेटीएम ने गूगल पर लगाया था बड़ा आरोप

इसके बाद पेटीएम ने गूगल पर बड़ा आरोप लगाया था। कंपनी ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि गूगल भारत के डिजिटल इकोसिस्टम पर हावी होना चाहती है। पेटीएम ने कहा था कि भारत में लीगल होने के बावजूद गूगल ने उसे कैशबैक का ऑफर हटाने के लिए मजबूर किया। जबकि गूगल की पेमेंट सर्विस 'गूगल पे' खुद इस तरह के ऑफर्स देती है। पेटीएम ने कहा था कि यह पहली बार हुआ है, जब गूगल ने यूपीआई कैशबैक और स्क्रैच कार्ड कैंपेन से संबंधित नोटिफिकेशन भेजा था। हमें इस मामले पर अपना पक्ष रखने का भी मौका नहीं दिया गया। जबकि गूगल भी भारत मे इसी प्रकार के ऑफर्स कैंपेन को चला रही है।

गूगल ने दी थी सफाई

गूगल ने पेटीएम को बैन किए जाने के मामले पर कहा था कि प्ले स्टोर फैंटेसी क्रिकेट, ऑनलाइन कसीनो और दूसरे गैंबलिंग ऐप को भारत में इजाजत नहीं देता है। अगर कोई ऐसा करता है तो यह पॉलिसी का उल्लंघन है। पेटीएम पर भी इसी के तहत कार्रवाई की गई थी। गूगल की प्रोडक्ट, एंड्रॉयड सिक्योरिटी और प्राइवेसी की वाइस प्रेसीडेंट सुजैन फ्रे ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि जब कोई ऐप पॉलिसीज का उल्लंघन करता है तो हम डेवलपर को इसकी जानकारी देते हैं। जब तक डेवलपर पॉलिसी के अनुसार बदलाव करता है, तब तक ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया जाता है।

ऐप के लिए बिलिंग प्रणाली लाया गूगल

पेटीएम से विवाद के बाद गूगल ने प्ले-स्टोर की इन-ऐप परचेज से जुड़ी गाइडलाइन में बदलाव करने का फैसला किया है। इसके तहत प्ले स्टोर के जरिए डिजिटल सामग्री बेचने वाले ऐप को गूगल प्ले बिलिंग प्रणाली का इस्तेमाल करना होगा। हालांकि, यह बिलिंग प्रणाली चुनिंदा ऐप पर लागू होगी। बिलिंग प्रणाली के तहत ऐप के जरिए की गई खरीदारी पर गूगल 30 फीसदी शुल्क लेता है।

भारतीय स्टार्टअप्स ने जताया विरोध

गूगल की प्ले बिलिंग प्रणाली का भारतीय स्टार्टअप्स ने विरोध करना शुरू कर दिया है। स्टार्टअप्स का कहना है कि गूगल अपनी बिलिंग प्रणाली अपनाने को लेकर भारत के ऐप डेवलपर्स या ऑनर्स पर दबाव नहीं डाल सकता है। कई स्टार्टअप्स फाउंडर्स का मानना है कि उपभोक्ताओं को ज्यादा विकल्प उपलब्ध कराने के लिए भारत को अपने घरेलू ऐप स्टोर की आवश्यकता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
आईपीएल से कमाई के लिए कई कंपनियां अपने ऐप पर गेमिंग फीचर लेकर आई हैं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/30q7D98

No comments:

Post a Comment

Start-up Street: Social justice and the start-up ecosystem

Disparities in start-ups are a global phenomenon and affirmative action is needed to ensure an equal opportunities environment for aspiring...