अप्रैल से सितंबर के दौरान FDI में 15% की बढ़ोतरी, 6 महीने में 30 बिलियन डॉलर का निवेश

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के दौरान देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 15% की बढ़ोतरी हुई है। इस अवधि में 30 बिलियन डॉलर करीब 2.21 लाख करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। सरकारी डाटा से यह जानकारी सामने आई है।

पिछले साल पहली छमाही में 26 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ था

डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के डाटा के मुताबिक अप्रैल-सितंबर 2019 में 26 बिलियन डॉलर करीब 1.92 लाख करोड़ रुपए का FDI देश में आया था। डाटा के मुताबिक, अकेले जुलाई में देश में 17.5 बिलियन डॉलर का विदेश निवेश किया गया है। अप्रैल-सितंबर 2020 में सबसे ज्यादा 17.55 बिलियन डॉलर का निवेश कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एंड हार्डवेयर सेक्टर में हुआ है। इसके बाद 2.25 बिलियन डॉलर के साथ सर्विसेज, 949 मिलियन डॉलर के साथ ट्रेडिंग, 437 मिलियन डॉलर के साथ कैमिकल्स और 417 मिलियन डॉलर के साथ ऑटोमोबाइल सेक्टर का नंबर आता है।

सिंगापुर से मिला सबसे ज्यादा FDI

अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान भारत को सिंगापुर से सबसे ज्यादा विदेशी मिला है। इस अवधि में सिंगापुर से 8.3 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आया है। इसके बाद 7.12 बिलियन डॉलर के साथ अमेरिका, 2.1 बिलियन डॉलर के साथ कैमेन आईलैंड, 2 बिलियन डॉलर के साथ मॉरीशस, 1.5 बिलियन डॉलर के साथ नीदरलैंड, 1.5 बिलियन डॉलर के साथ ब्रिटेन, 1.13 बिलियन डॉलर के साथ फ्रांस और 653 मिलियन डॉलर के साथ जापान का नंबर आता है।

इकोनॉमिक ग्रोथ का प्रमुख हिस्सा है FDI

DPIIT के मुताबिक, दोबारा निवेश की गई राशि को मिलाकर अप्रैल-सितंबर के दौरान कुल FDI 40 बिलियन डॉलर रहा है। FDI इकोनॉमिक ग्रोथ का एक प्रमुख हिस्सा है और यह देश के इकोनॉमिक डेवलपमेंट के लिए नॉन डेट फाइनेंस का महत्वपूर्ण स्रोत है। सरकार ने हाल ही में कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग और कोल माइनिंग समेत विभिन्न सेक्टरों में FDI के नियमों में सुधार किया है।



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FDI इकोनॉमिक ग्रोथ का एक प्रमुख हिस्सा है और यह देश के इकोनॉमिक डेवलपमेंट के लिए नॉन डेट फाइनेंस का महत्वपूर्ण स्रोत है।


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