अमेजन ने SEBI से कहा- शेयरहोल्डर्स को भ्रमित कर रहा है फ्यूचर रिटेल, रिलायंस के साथ सौदे को रोकने की अपील

अमेजन डॉट कॉम ने अपने स्थानीय पार्टनर फ्यूचर रिटेल लिमिटेड पर शेयर होल्डर्स को भ्रमित करने का आरोप लगाया है। अमेजन ने बाजार नियामक SEBI से कहा है कि फ्यूचर रिटेल अपने शेयर होल्डर्स को गलत सूचना दे रहा है। अमेजन के मुताबिक, फ्यूचर रिटेल ने शेयर होल्डर्स से कहा है कि उसने अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी के साथ समझौते का पालन किया है।

SEBI चेयरमैन को भेजा पत्र

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेजन ने सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के चेयरमैन अजय त्यागी को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में अमेजन ने आरोप लगाया कि फ्यूचर ग्रुप की न्यूज रिलीज और स्टॉक एक्सचेंज डिसक्लोजर भारतीय कानूनों का उल्लंघन करता है। साथ ही अमेजन ने त्यागी से इस मामले की जांच करने और रिलायंस-फ्यूचर डील को अप्रूव नहीं करने का आग्रह किया है।

फ्रॉड से केवल बियानी को लाभ मिलेगा: अमेजन

अमेजन ने अपने पत्र में कहा है कि यह एक्सचेंज डिसक्लोजर जनहित में नहीं है और पब्लिक शेयर होल्डर्स को भ्रमित करता है। साथ ही केवल किशोर बियानी को लाभ पहुंचाने के लिए यह फ्रॉड किया जा रहा है। आपको बता दें कि फ्यूचर ग्रुप का प्रमोटर किशोर बियानी का परिवार है। हालांकि, अमेजन के आरोपों पर फ्यूचर ग्रुप या बियानी परिवार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, फ्यूचर ग्रुप से जुड़े सूत्रों ने अमेजन के आरोपों को नकार दिया है। सूत्रों का कहना है कि किसी भी प्रकार के फ्रॉड या शेयर होल्डर्स को भ्रमित करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।

अमेजन ने SEBI-BSE से की सौदे को रोकने की अपील

सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत की ओर से रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील पर रोक लगाने के बाद अमेजन ने SEBI और BSE की शरण ली है। अमेजन ने SEBI और BSE को मध्यस्थता अदालत के फैसले की कॉपी पेश करते हुए इस सौदे को रोकने की अपील की है। एक्सचेंज से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अमेजन की अपील पर BSE अब बाजार नियामक SEBI से विचार विमर्श की तैयारी कर रहा है।

क्या है अमेजन की आपत्ति?

अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके लिए अमेजन ने 1,500 करोड़ रुपए का पेमेंट किया था। इस डील में शर्त थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा। अमेजन के मुताबिक, इस डील में एक शर्त यह भी थी कि फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेचेगा।

अगस्त में हुआ था 24,713 करोड़ रुपए का सौदा

रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच अगस्त में 24713 करोड़ रुपए का सौदा हुआ था। इसके तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा जाएगा। सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के फैसले पर रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप का कहना है कि यह सौदा भारतीय कानूनों के तहत हुआ है।

भारत में पकड़ मजबूत करना चाहती है अमेजन

रिलायंस की नजर भारत में ऑनलाइन रिटेल स्पेस पर है, जिसे अमेजन और फ्लिपकार्ट लीड कर रहे हैं। वहीं, अमेजन भारत में मजबूत ऑनलाइन मौजूदगी के चलते ऑफलाइन रिटेल बिजनेस में अपनी पकड़ मजबूत करने पर काम कर रही है। इसके लिए अमेजन ने प्राइवेट इक्विटी फंड समारा कैपिटल के साथ 2018 में आदित्य बिरला ग्रुप के सुपरमार्केट चेन का अधिग्रहण किया था। जानकारों का कहना है कि अमेजन, आरआईएल और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए इस डील चिंतित हुई है। क्योंकि इससे भारत में कंपनी को कड़ी टक्कर मिल सकती है।

रिटेल में बड़ा दांव खेल रही है रिलायंस

इस समय रिलायंस रिटेल देश में करीब 12 हजार स्टोर चलाती है और मुकेश अंबानी रिटेल पर बड़ा दांव खेल रहे हैं। रिलायंस रिटेल का इक्विटी वैल्यूएशन इस समय 4.28 लाख करोड़ रुपए है। इसमें लगातार हिस्सेदारी बेची जा रही है। अब तक करीबन 8 कंपनियों ने इसमें पैसे लगाए हैं। इसकी हिस्सेदारी बेचकर मुकेश अंबानी अब तक 37 हजार करोड़ रुपए जुटा चुके हैं। रिलायंस रिटेल, जियोमार्ट के साथ डिजिटल डिलिवरी भी कर रही है।



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अमेजन ने SEBI चेयरमैन अजय त्यागी से इस मामले की जांच करने और रिलायंस-फ्यूचर डील को अप्रूव नहीं करने का आग्रह किया है।


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