अमेरिकी शेयर बाजार से बाहर होंगी चीन की तीन प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां, चीनी सेना के साथ है इनका संबंध

अमेरिका के शेयर बाजार से चीन की तीन प्रमुख तीन कंपनियों को बाहर किया जाएगा। यानी शेयर बाजार से इनके शेयरों को डीलिस्ट कर दिया जाएगा। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) के मुताबिक चाइना मोबाइल लिमिटेड, चाइना टेलीकॉम कॉर्पोरेशन, चाइना यूनिकॉम हॉन्गकॉन्ग लिमिटेड के संबंध चाइनीज आर्मी के साथ पाए गए हैं।

एक्सचेंज से सस्पेंड होंगे टेलीकॉम कंपनियों के शेयर

एक्सचेंज के मुताबिक इन कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग 7 से 11 जनवरी के दौरान सस्पेंड रहेगी। इसके साथ ही डीलिस्टिंग की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। बता दें कि इन कंपनियों में सितंबर से पहले सबसे बड़ी शेयर होल्डिंग अमेरिकी फंड मैनेजर्स की रही। इनमें रेनेसां टेक्नोलॉजी, डाइमेंशनल फंड एडवाइजर और टू सिग्मा इन्वेस्टमेंट शामिल हैं। लेकिन सितंबर में इन फंड मैनेजर्स ने चाइना की तीनों कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी।

अमेरिका-चीन तनाव का असर

ब्लूमबर्ग के मुताबिक अमेरिकी शेयर बाजार से चीन की कंपनियों की डीलिस्टिंग से इन कंपनियों पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि ये कंपनियां हॉन्गकॉन्ग के शेयर बाजार में अलग से लिस्ट हैं और इनका रेवेन्यू चीन से आता है। US में शेयरों की लिस्टिंग के अलावा इन कंपनियों की उपस्थिति न के बराबर है। इसके अलावा न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों की कीमत भी हॉन्गकॉन्ग की तुलना में कमजोर है। लेकिन अमेरिका का यह कदम उसके और चीन के बीच खटास को दिखाता है।

2020 में चीन की कंपनियों पर ट्रम्प प्रशासन की सख्ती

2020 के नवंबर में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एक आदेश को मंजूरी दी थी, जिसके तहत अमेरिकी निवेशकों को चीनी सेना से संबंध रखने वाली कंपनियों में निवेश बंद करना था। पेंटागन द्वारा प्रतिबंधित शेयरों में अमेरिकी निवेशकों के ट्रेड करने पर भी रोक लगा दी गई थी। इसके जवाब में चीन ने भी कई अमेरिकी कंपनियों को अपनी ब्लैक लिस्ट में शामिल किया। अमेरिका द्वारा चीन पर 2020 में अन्य कार्रवाई-

  • अमेरिकी कम्युनिकेशन कमीशन ने मई में चीन की मोबाइल कंपनियों के संचालन को रोका
  • US ने दिसंबर में चीन की हुवावे टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन द्वारा बनाए गए उपकरणों को हटाने का आदेश जारी किया

आधिकारिक आदेश के बाद इन कंपनियों के शेयरों को न्यूयॉर्क एक्सचेंज के साथ-साथ ग्लोबल इंडेक्स से भी बाहर किया जाएगा। इसमें MSCI, डाओ जोंस ग्लोबल इंडेक्स और FTSE रशेल शामिल हैं। बता दें कि चीन की कंपनियां बीत एक दशक के दौरान दुनियाभर के बाजारों में लिस्टिंग से पैसा जुटाती रही है। इसमें अमेरिकी एक्सचेंज NYSE और नैस्डैक शामिल हैं। इसमें इंटरनेट सेक्टर की कंपनियां जिसमें अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग्स, JD डॉट कॉम शामिल हैं।



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एक्सचेंज के मुताबिक इन कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग 7 से 11 जनवरी के दौरान सस्पेंड रहेगी।


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2020 में टीवी पर खूब दिखे सैनिटाइजर, एंटीसेप्टिक लिक्विड और च्यवनप्राश के ऐड

Maruti Suzuki sales rise 20% to 1,60,226 units in December

Maruti Suzuki sales rise 20% to 1,60,226 units in December The company had sold 1,33,296 units in December last year, Maruti Suzuki India (MSI) said in a statement.

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दिसंबर में सर्वर हैक होने से यात्रियों के डेटा भी हुए चोरी, कंपनी कर रही है जांच

देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने कहा है कि दिसंबर की शुरुआत में उसके सर्वर को हैक कर लिया गया था। इस वजह से यात्रियों के डेटा भी चोरी होने की आशंका है। कंपनी ने शेयर बाजारों को इस तरह की जानकारी दी है।

दिसंबर की शुरुआत में हुआ सर्वर हैक

बता दें कि इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड इंडिगो को चलाती है। इसने गुरुवार को कहा कि उसके कुछ सर्वरों को दिसंबर की शुरुआत में हैक कर लिया गया था। एयरलाइन ने गुरुवार शाम को जारी एक बयान में कहा कि हालांकि हम अपने सिस्टम को कम से कम समय में बहाल करने में सक्षम हो गए थे। इसलिए इसका ज्यादा बुरा असर नहीं हुआ होगा।

डेटा सर्वर के कुछ सेगमेंट हैक हुए थे

इसमें कहा गया कि डेटा सर्वर के कुछ सेगमेंट थे जिनमें सेंध लगाई गई। इसलिए इस बात की संभावना है कि कुछ आंतरिक दस्तावेज सार्वजनिक वेबसाइटों और प्लेटफार्मों पर हैकर्स द्वारा अपलोड किए गए हों। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब यह एयरलाइंस कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसके परिणामस्वरूप यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है और बिजनेस का नुकसान हुआ है।

गंभीरता को समझ रही है एयरलाइंस

एयरलाइन ने बयान में कहा कि हम इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हैं। इसलिए सभी विशेषज्ञों और कानून विशेषज्ञों (law enforcement) के साथ संपर्क बनाए हुए हैं ताकि घटना की तह में जाकर इसके सभी पहलुओं को जांचा परखा जा सके। इंडिगो ने हाल में अपने 10 पर्सेंट कर्मचारियों की संख्या घटा दी है। कोरोना में बिजनेस धीमा होने से यह फैसला किया गया था। कंपनी ने अगस्त में कहा था कि उसे अभी किसी पैसे की जरूरत नहीं है।

इंडिगो अभी भी लागत को घटाने की योजना पर काम कर रही है। बता दें कि कोरोना की वजह से बंद होने के कारण देश में 25 मई के बाद घरेलू एयरलाइंस शुरू हो पाई थीं।



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इंडिगो अभी भी लागत को घटाने की योजना पर काम कर रही है। बता दें कि कोरोना की वजह से बंद होने के कारण देश में 25 मई के बाद घरेलू एयरलाइंस शुरू हो पाई थीं


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एस्कॉर्ट के बिक्री अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर, महिंदा के फार्म इक्विपमेंट में 25% ग्रोथ

ऑटो निर्माताओं के लिए साल 2020 काफी मुश्किलों भरा रहा। महामारी के कारण ऑटो उद्योग ने काफी उतार-चढ़ाव देखें। हालांकि समय के साथ सेक्टर ने रफ्तार पकड़ी और दोबारा पहली जैसी स्थिति में आने ने सफल रहा। दिसंबर 2020 के भी कंपनियों ने काफी अच्छे बिक्री आंकड़े हासिल किए। महिंद्रा-एंड-महिंद्रा ने फार्म इक्विपमेंट में 25 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की। चलिए एक-एक कर बात करते हैं

महिंद्रा-एंड महिंद्रा- घरेलू बिक्री में 21,173 यूनिट्स के साथ 23% ग्रोथ

  • महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के ऑटोमोटिव डिविजन ने दिसंबर 2020 में बिक्री में 35,187 के साथ 10.3% की गिरावट दर्ज की, जबकि पिछले साल इसी अवधि में कंपनी ने 39,230 यूनिट्स बेची थी।
  • कुल पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में 16,182 यूनिट्स के साथ 3 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की जबकि 2,210 यूनिट्स के साथ निर्यात में 3% वृद्धि देखी गई।
  • महिंद्रा ऑटोमोटिव डिवीजन के चीफ एक्जीक्यूटिव विजय नाकरा ने कहा- लगातार बदलते वैश्विक परिवेश से संबंधित सप्लाई चेन चुनौतियों के कारण हमारी कुल बिक्री प्रभावित हुई है, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट में उपयोग किए जाने वाले माइक्रो-प्रोसेसर (सेमी-कंडक्टर्स) की सप्लाई में कमी देखी गई।
  • दूसरी ओर, फार्म इक्विपमेंट सेगमेंट ने दिसंबर 2020 में 22,417 यूनिट्स की बिक्री में 25% की वृद्धि दर्ज की, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 17,991 यूनिट्स थीं।
  • घरेलू बिक्री 21,173 यूनिट्स पर 23% थी, जबकि निर्यात 60% बढ़कर 1,244 यूनिट्स था।

हम लगातार इसे अपडेट कर रहे हैं...



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Auto Sales In December 2020|M&M Reports 25% Growth In Farm Equipment Sales, Escorts Reports Highest Ever December Sales, Maruti Suzuki Posts 20% Sales Growth


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महिंद्रा एंड महिंद्रा और फोर्ड का ज्वाइंट वेंचर खत्म करने का फैसला, कोविड को बताया वजह

अमेरिका की फोर्ड मोटर कंपनी और भारत की महिंद्रा एंड महिंद्रा ने ज्वाइंट वेंचर खत्म करने की घोषणा की है। दोनों कंपनियों ने इसके लिए कोविड-19 महामारी के कारण उपजी चुनौतियों को वजह बताया है। दोनों कंपनियों ने इस बारे में अलग-अलग बयान जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि बीते सवा साल में ग्लोबल आर्थिक परिस्थितियों में जो बदलाव हुए हैं, उन्हें देखते हुए पूंजी खर्च करने की प्राथमिकताओं पर दोबारा विचार करने पर मजबूर होना पड़ा है।

अक्टूबर 2019 में ज्वाइंट वेंचर बनाने की घोषणा की थी

फोर्ड प्रवक्ता टी.आर. रीड ने कहा, “ग्लोबल आर्थिक परिस्थितियां और बिजनेस का वातावरण अब वैसा नहीं रहा, जैसा पिछले साल अक्टूबर में था।” अक्टूबर 2019 में ही दोनों कंपनियों ने ज्वाइंट वेंचर बनाने की घोषणा की थी। इसके लिए दोनों के बीच जो समझौता हुआ था, उसके मुताबिक कंपनियों को ज्वाइंट वेंचर को 31 दिसंबर 2020 तक अंतिम रूप देना था। लेकिन कंपनियों ने समझौते को अंतिम रूप देने के बजाय उसे खत्म करने का फैसला किया है।

यूटिलिटी और इलेक्ट्रिक व्हीकल डेवलप करने की थी योजना

अक्टूबर 2019 में समझौते के बाद फोर्ड और महिंद्रा ने कहा था कि गाड़ियां तैयार करने का खर्च घटाने और विकासशील देशों में उन्हें बेचने के लिए ज्वाइंट वेंचर बनाया जाएगा। तब उन्होंने कहा था कि मिड-साइज एसयूवी समेत तीन यूटिलिटी व्हीकल लांच किए जाएंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को मिलकर डेवलप किया जाएगा। यह पूछने पर कि क्या अब उन गाड़ियों का प्रोजेक्ट रद्द कर दिया गया है, रीड ने कहा कि अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। रीड ने स्पष्ट किया कि भारत में फोर्ड का अलग से बिजनेस पहले की तरह जारी रहेगा। महिंद्रा ने कहा कि ज्वाइंट वेंचर टूटने का उसके प्रोडक्ट प्लान पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इलेक्ट्रिक एसयूवी डेवलप करने की कोशिशों में वह और तेजी लाएगी।

बढ़ते खर्च को साझा करने के लिए ज्वाइंट वेंचर बना रही हैं कंपनियां

गौरतलब है कि इलेक्ट्रिक और सेल्फ-ड्राइविंग कार डेवलप करने में आने वाला खर्च बढ़ रहा है। इसलिए कंपनियां विलय और गठबंधन पर जोर दे रही हैं, ताकि खर्च को साझा किया जा सके। पिछले दिनों फ्रांस की पीएसए और फिएट क्रिसलर ने विलय की घोषणा की थी। 38 अरब डॉलर का यह विलय 2021 की पहली तिमाही में पूरा होने की उम्मीद है।



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गौरतलब है कि इलेक्ट्रिक और सेल्फ-ड्राइविंग कार डेवलप करने में आने वाला खर्च बढ़ रहा है। इसलिए कंपनियां विलय और गठबंधन पर जोर दे रही हैं, ताकि खर्च को साझा किया जा सके। (फोटो- प्रतिकात्मक)


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तय समय-सीमा में लाइसेंस न दिखा पाने के कारण चाइना स्टोर से हटाए 39 हजार गेम

एपल ने गुरुवार को अपने चाइना स्टोर पर 39,000 गेम ऐप्स को हटा दिया, जो एक दिन में अब तक की सबसे बड़ा रिमूवल है, क्योंकि इसने सभी गेम पब्लिशर्स के लिए साल के अंत तक लाइसेंस प्राप्त करने की समय-सीमा निर्धारित की गई थी। चीनी अथॉरिटी के बिना लाइसेंस वाले गेम्स को रोकने के लिए कार्रवाई की गई।

एपल ने हटाए कुल 46 हजार ऐप्स

  • एपल ने 39,000 गेम्स के साथ अपने स्टोर से कुल 46,000 से अधिक ऐप्स भी हटाए हैं। शोध फर्म किमाई (Qimai) के अनुसार कार्रवाई से प्रभावित गेम्स में यूबीसॉफ्ट टाइटल एशियन्स क्रिड आईडेंटिटी और एनबीए 2K20 जैसे गेम्स शामिल थे।
  • किमाई ने यह भी कहा कि एपल स्टोर पर उपलब्ध टॉप 1,500 पेड गेम्स में से अब केवल 74 ही पर्स बच पाए हैं। हालांकि एपल ने इस कार्रवाई को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई सफाई नहीं दी है।

31 दिसंबर तक की थी समय-सीमा

  • एपल ने शुरू में गेम पब्लिशर्स को सरकार द्वारा जारी लाइसेंस नंबर प्रस्तुत करने के लिए जून के अंत में दुनिया के सबसे बड़े खेल बाजार में इन-ऐप खरीदारी करने में सक्षम बनाने के लिए एक अंतिम समय सीमा दी थी। कंपनी ने बाद में समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी।
  • चीन के एंड्रॉयड ऐप स्टोर ने लाइसेंस पर नियमों का अनुपालन किया है। यह स्पष्ट नहीं है कि एपल इस साल उन्हें और सख्ती से क्यों लागू कर रहा है।

कोई खामी न छूटे, इसलिए उठाया यह कदम

  • विश्लेषकों ने कहा कि यह कदम कोई आश्चर्य की बात नहीं थी क्योंकि एपल चीन के कंटेंट रेगुलेटर्स के अनुरूप आने के लिए खामियों को बंद करने के लिए ऐसे कदम उठाता रहता है।
  • ऐपइनटचाइना के टॉड कुहन्स का कहना है कि- इस कदम का मतलब केवल उन पेड गेम्स को स्वीकार करना है जिनके पास एक गेम लाइसेंस है।


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Apple removes 39,000 game apps from China store to meet deadline


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अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 3.42 लाख करोड़ रुपए का FDI आया, यह पिछले साल के मुकाबले 11% ज्यादा

चालू वित्त वर्ष में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वार्षिक आधार पर 11% की बढ़ोतरी हुई है। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के डाटा में यह बात कही गई है। डाटा के मुताबिक, अप्रैल-अक्टूबर 2020 के दौरान देश में 46.82 बिलियन डॉलर करीब 3.42 लाख करोड़ रुपए का FDI आया है। एक साल पहले समान अवधि में 42.06 बिलियन डॉलर करीब 3.07 लाख करोड़ रुपए का FDI आया था।

इक्विटी में FDI इनफ्लो 21% बढ़ा

DPIIT के डाटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 के पहले सात महीनों में इक्विटी में FDI इनफ्लो में 21% की बढ़ोतरी हुई है। इस अवधि में 35.33 बिलियन डॉलर करीब 2.58 लाख करोड़ रुपए का FDI आया है। एक साल पहले समान अवधि में 29.31 बिलियन डॉलर करीब 2.14 लाख करोड़ रुपए का FDI आया था। DPIIT ने 2020 में FDI के 26 आवेदनों का निपटारा किया है।

मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए PLI स्कीम लॉन्च की

वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 13 सेक्टर्स के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इन्सेंटिव (PLI) स्कीम लॉन्च की है। इस स्कीम में 3 सेक्टर्स को मार्च में और 10 सेक्टर्स को नवंबर में शामिल किया गया था। इस योजना के तहत सरकार अगले पांच साल में 1.97 लाख करोड़ रुपए का इन्सेंटिव देगी।

इन्वेस्टर्स को फ्रेंडली इकोसिस्टम देने के लिए कई कदम उठाए

बयान में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में निवेश करने वाले निवेशकों को सपोर्ट, सुविधा और इन्वेस्टर फ्रेंडली इकोसिस्टम देने के लिए मंत्रालयों और विभागों में एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज (EGoS) और प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल (PDCs) की स्थापना की गई है। वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि यह इंस्टीट्यूशन केंद्र और राज्य सरकारों के साथ को-ऑर्डिनेशन बनाकर निवेश की प्रक्रिया में तेजी लाते हैं।



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DPIIT ने 2020 में FDI के 26 आवेदनों का निपटारा किया है।


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NCC bags orders worth Rs 8,980 crore in December

NCC bags orders worth Rs 8,980 crore in December "NCC has received fifteen new orders totaling to Rs 8,980 crore (exclusive of GST) in the month of December, 2020," the company said in a BSE filing.

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Escorts tractor sales jump 88% to 7,733 units in December

Escorts tractor sales jump 88% to 7,733 units in December Domestic tractor sales during last month stood at 7,230 units as against 3,806 units in December 2019, up 90 per cent, Escorts said in a BSE filing.

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आपके पर्सनल डाटा को कर रहा है स्टोर, दिल्ली हाई कोर्ट में 14 को होगी सुनवाई

अगर आप गूगल पे से पेमेंट किसी को देते या लेते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। गूगल पे आपका पर्सनल डाटा अपने पास स्टोर कर रहा है। इस तरह का आरोप दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका में लगाया गया है।

रेगुलेटर के नियमों का उल्लंघन

दिल्ली हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका (PIL) में अभिजीत मिश्रा ने आरोप लगाया है कि गूगल का ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम जी पे विभिन्न रेगुलेटर नियमों का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि कंपनी ग्राहकों के आधार और बैंक से जुड़ी जानकारी ले रही है और उसे अपने पास जमा कर रही है। यह प्राइवेसी के अधिकार का उल्लंघन है। इन सूचनाओं का वह उपयोग कर रहा है।

सभी जानकारी देने को कहा

जज विभु बाखरू और प्रतीक जालान की पीठ के पास यह याचिका है। पीठ ने अभिजीत मिश्रा से हलफनामा दायर कर उनकी तरफ से पहले जी पे समेत अन्य मामलों में दी गई सभी जनहित याचिकाओं के बारे में जानकारी देने को कहा है। साथ ही प्रत्येक याचिका की स्थिति के बारे में बताने को कहा है। याचिका पर अगली सुनवाई 14 जनवरी, 2021 को होगी।

विभिन्न कानूनों का भी पालन नहीं

मिश्रा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि जी पे आधार कानून 2016, पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम कानून 2007 और बैंकिंग नियमन कानून 1949 का कथित रूप से उल्लंघन कर रहा है। साथ ही यह आधार डाटा हासिल कर रहा है। याचिका में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के आधार कानून के नियमों के उल्लंघन को लेकर जी पे के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

ग्राहकों का पसंदीदा पेमेंट ऐप है

बता दें कि गूगल पे भारत में पेमेंट भेजने और प्राप्त करने का एक सिस्टम है। बड़े पैमाने पर यह ग्राहकों का पसंदीदा पेमेंट सिस्टम है। इस सिस्टम के लिए आपको केवाईसी और अन्य जानकारी देनी होती है। गूगल तीसरी विदेशी कंपनी है जिसके खिलाफ इस तरह के रेगुलेटर के नियमों के उल्लंघन का मामला सामने आया है। गुरुवार को ही दो दिग्गज विदेशी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ रिजर्व बैंक और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कार्रवाई करने का आदेश सरकार ने दिया है।

यह कार्रवाई एफडीआई नियमों के उल्लंधन के मामले में की जाएगी। इसमें सरकार ने व्यापारियों की संस्था कैट की मांग पर जांच करने का आदेश दिया है।



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गूगल पे भारत में पेमेंट भेजने और प्राप्त करने का एक सिस्टम है। बड़े पैमाने पर यह ग्राहकों का पसंदीदा पेमेंट सिस्टम है। इस सिस्टम के लिए आपको केवाईसी और अन्य जानकारी देनी होती है


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2020 में 46 फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट शुरू हुए, इनमें 771.79 करोड़ रुपए का निजी निवेश हुआ

कैलेंडर ईयर 2020 में देश में कुल 46 फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट पूरे हुए हैं। इन सभी प्रोजेक्ट का ऑपरेशन भी शुरू हो गया है। इन प्रोजेक्ट्स के जरिए 771.79 करोड़ रुपए का निजी निवेश हुआ है। सरकार ने एक बयान में यह जानकारी दी है।

3 मेगा फूड पार्क और 15 कोल्ड चेन का निर्माण हुआ

फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 2020 में 3 मेगा फूड पार्क, 15 कोल्ड चेन, 21 यूनिट और 7 फूड टेस्टिंग लैब का निर्माण हुआ है। इन प्रोजेक्ट्स के जरिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 24,567 लोगों को रोजगार मिला है। इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने से देश में 31.52 लाख टन सालाना एग्रीकल्चर उत्पादों की प्रोसेसिंग और प्रिजर्वेशन क्षमता बढ़ी है।

कोल्ड चेन से 56.99 लाख लीटर दूध रोजाना स्टोरेज की क्षमता बढ़ी

बयान में कहा गया है कि 15 कोल्ड चेन के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से देश में 56.99 लाख लीटर दूध रोजाना प्रोसेसिंग और स्टोरेज की क्षमता बढ़ गई है। साथ ही 11.80 टन प्रति घंटा फल और सब्जियों की इंस्टेंट क्विक फ्रीजिंग की क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा कुल 134 फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इससे 38.3 लाख टन सालाना एग्रीकल्चर उत्पादों की प्रोसेसिंग और प्रिजर्वेशन की क्षमता बढ़ेगी।

47 कोल्ड चेन और मंजूरी दी गई

फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज मंत्रालय के मुताबिक, 2020 में 47 और कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। इससे 13.10 लाख लीटर दूध रोजाना प्रोसेसिंग और स्टोरेज 34.20 मीट्रिक टन प्रति घंटा फल और सब्जियों की इंस्टेंट क्विक फ्रीजिंग की क्षमता बढ़ेगी। मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि इन प्रोजेक्ट्स के जरिए 2026.32 करोड़ रुपए का निजी निवेश होगा और 77,330 लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।



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फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय ने 2020 में 47 और कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है।


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Reliance Infrastructure completes sale of Delhi-Agra toll road to Cube Highways for Rs 3,600 crore

Reliance Infrastructure completes sale of Delhi-Agra toll road to Cube Highways for Rs 3,600 crore In a regulatory filing, Reliance Infrastructure Ltd said it has completed the sale of its 100 per cent stake in DA Toll Road to Cube Highways and Infrastructure III Pte Ltd for an enterprise value over Rs 3,600 crore.

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CEOs expect Budget 2021 to help begin new investment cycle

CEOs expect Budget 2021 to help begin new investment cycle Union Finance Minister Nirmala Sitharaman will present the upcoming Budget on February 1.

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New Year rule changes: ‘Positive Pay’ system, higher transaction limit for contactless cards and others

New Year rule changes: ‘Positive Pay’ system, higher transaction limit for contactless cards and others Several rules are set to change on January 1 and in the days to come, including implementation of the new cheque payment system, increase in the transaction limit for contactless card and hike in car prices.

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Coronavirus News LIVE Updates: India#39;s active COVID tally drops to near 2.5 lakh as 23,181 recover in a day

Coronavirus News LIVE Updates: India#39;s active COVID tally drops to near 2.5 lakh as 23,181 recover in a day Coronavirus News LIVE Updates: India has recorded over 1.02 crore confirmed COVID- 19 cases so far, including 1.48 lakh deaths.

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नए साल की शुरुआत बढ़त के साथ, सेंसेक्स 115 अंक ऊपर 47866 पर, निफ्टी भी 14 हजार के पार

नए साल के पहले दिन बाजार की शुरुआत बढ़त के साथ हुई। सेंसेक्स 115.37 अंक ऊपर 47,866.70 पर कारोबार कर रहा है। इंडेक्स की बढ़त को टीसीएस, एसबीआई, रिलायंस और बजाज ग्रुप के शेयर लीड कर रहे हैं। BSE पर लिस्ट कुल कंपनियों का मार्केट कैप 188.69 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। इसी तरह निफ्टी इंडेक्स 33.60 अंक ऊपर 14,015.35 पर कारोबार कर रहा है। इंडेक्स में IT सेक्टर आउटपरफॉर्मर है। इंडेक्स में M&M का शेयर 2.14% ऊपर 736 के प्राइस पर कारोबार कर रहा है।

FY 2021-22 में इकोनॉमी ग्रोथ

रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था FY 2021-22 में लगभग 10% की पॉजिटिव ग्रोथ की उम्मीद है। एजेंसी ने इससे पहले 2020-21 के लिए इकोनॉमी में 7-7.9% की गिरावट का अनुमान जारी किया है, जो साल के शुरुआत में 4.2% पॉजिटिव था।

गुरुवार को बाजार सपाट बंद

कल सेंसेक्स 5.11 अंक ऊपर 47,751.33 पर बंद हुआ था। क्लोजिंग के लिहाज से इंडेक्स का यह हाइएस्ट लेवल है। इंडेक्स में बजाज, कोटक बैंक, एक्सिस बैंक, रिलायंस और टीसीएस के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए थे। बीएसई पर 3,170 कंपनियों के शेयरों में खरीदारी हुई। इसमें से 54% शेयर बढ़त के साथ बंद हुए थे। लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैप 188.03 लाख करोड़ रुपए रहा।दूसरी ओर निफ्टी सपाट 13,981.75 पर बंद हुआ था। इंडेक्स में श्री सीमेंट का शेयर भी 2.44% नीचे 24 हजार रुपए के लेवल पर बंद हुआ था।

09:15 AM BSE सेंसेक्स 33.95 अंक ऊपर 47,785.28 पर और निफ्टी 14.35 अंक ऊपर 13,996.10 पर खुला।



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BSE NSE Sensex Today, Stock Market Latest Update: January 1 Share Market, Trade BSE, Nifty, Sensex Live News Updates


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बार-बार खराब हो रहा है गाड़ी का ब्रेक सिस्टम, तो खर्चा बचा सकती हैं ये चार काम की टिप्स

कुछ लोग रश ड्राइविंग करते हैं, जिससे गाड़ी के पार्ट्स समय से पहले खराब होने लगते हैं। रश ड्राइविंग का सबसे ज्यादा असर ब्रेक सिस्टम पर भी पड़ता है क्योंकि तेज रफ्तार में अचानक ब्रेक लगाने पर ब्रेक सिस्टम जल्दी खराब होने लगता है, फिर चाहें वो कार के ब्रेक हों या मोटरसाइकिल के।

अमूमन हम ब्रेक को लेकर ज्यादा गंभीरता नहीं बरतते जबकि कुछ बातों का ध्यान रखकर, न केवल गाड़ी के ब्रेक की लाइफ बढ़ाई जा सकती है बल्कि मेंटेनेंस पर होने वाले खर्च की भी बचत की जा सकती है। आइए जानते हैं कौन सी हैं वो बातें....

1. ब्रेक सिस्टम को गर्म न रहने दें

अगर ब्रेक सिस्टम ज्यादा देर तक गर्म बने रहें तो इनके पार्ट्स की उम्र तो कम होती ही है यह खराब भी हो सकते हैं। ऐसे में आपको ही ब्रेक के तापमान को कम रखने की कोशिश करना होगी। अमूमन ब्रेक का तापमान चढ़ाई से उतारने पर या तेज गति में बार-बार गाड़ी रोकने से बढ़ जाता है। ऐसे में इस बात का पूरा ख्याल रखें। अनावश्यक रूप से बार-बार ब्रेक न लगाएं। अगर आप ऐसा करते हैं तो इस आदत को तुरंत बदले लें।

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2. ब्रेक को समय-समय पर चेक कराते रहें

आपकी गाड़ी की भले ही सर्विसिंग हो गई हो लेकिन फिर भी आप समय-समय पर ब्रेक चेक करवाते रहें। विशेष रूप से ऐसे लोगों को इस बात का कुछ ज्यादा ही ख्याल रखना चाहिए जिनको गाड़ी के पार्ट्स या उनकी सर्विस को लेकर कुछ खास जानकारी नहीं होती और वह पूरी तरह से अपने मैकेनिक पर ही निर्भर होते हैं।

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3. दूसरी गाड़ी से बनाए रखें निश्चित दूरी

आगे चलने वाली गाड़ी के अगर आप अपनी गाड़ी बेहद करीब रखेंगे तो आपको बार-बार ब्रेक लगाना पड़ेगा और जितनी ज्यादा ब्रेकिंग उतना ज्यादा घिसाव। ऐसे में आगे चलने वाली गाड़ी से जितनी अधिक दूरी रहेगी, गाड़ी को कंट्रोल करने के उतने ज्यादा विकल्प आपके पास होंगे।

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4. गियर डाउन करने के फायदे

गाड़ी की स्पीड को कम करने के लिए गियर कम करने की युक्ति भी अपनाई जाती है। एक तयशुदा स्पीड पर जब गियर कम करते हैं तो इससे गियर बॉक्स पर बुरा असर नहीं पड़ता और मोटरसाइकिल प्रभावी ढंग से धीमी भी हो जाती है। कम से कम पहाड़ी ढलान या घाट पर उतरते वक्त तो ऐसा किया ही जा सकता है।

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If The Brake System of Your Vehicle is Deteriorating Frequently, These Four Tips Can Save Your expenses


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PPF, NSC और पोस्ट ऑफिस स्कीम की ब्याज दरें लगातार तीसरी तिमाही नहीं बदलेगी

सुरक्षित निवेश करने वाले निवेशकों के लिए खुशखबरी है। PPF, NSC और पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में लगातार चौथी तिमाही में कोई कटौती नहीं होगी। यानी जनवरी से मार्च के दौरान आपको वही ब्याज दर मिलेगी, जो अभी मिल रही है।

तीसरी बार नहीं हुआ कोई बदलाव

यह लगातार तीसरी तिमाही है जब सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। गुरुवार को जारी सर्कुलर में वित्त मंत्रालय ने कहा कि PPF पर निवेशकों को 7.19% की दर से ब्याज मिलेगा। जबकि NSC पर 6.8% की दर से ब्याज मिलेगा। इसी तरह सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पर भी सरकार ने पुरानी ब्याज दर यानी 7.6% को बरकरार रखा है। इसके अलावा पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट और सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) पर भी पुरानी ब्याज दरें मिलती रहेंगी। स्मॉल सेविंग स्कीम में सबसे ज्यादा ब्याज दर फिलहाल सुकन्या योजना पर ही मिल रहा है।

ये हैं स्माल सेविंग स्कीम

PPF- यह लंबी अवधि के लिए सबसे लोकप्रिय स्कीम है। इसकी मैच्योरिटी 15 साल की है। निवेशक हालांकि 5 साल के बाद कुछ रकम निकाल सकता है। वह चाहे तो इसे 15 साल के बाद भी बढ़ा सकता है। इसमें कम से कम 500 रुपए सालाना जमा करना होता है।

SCSS- वे निवेशक जो 60 साल से ज्यादा की उम्र के हैं वे इसमें 15 लाख रुपए तक सालाना जमा कर सकते हैं। इस पर तिमाही आधार पर नियमित ब्याज दर मिलता है। इस पर 7.4 पर्सेंट ब्याज मिलता है।

SSY- इसमें एक परिवार अधिकतम 2 खाते खोल सकता है। यानी आप अपनी दो बच्चियों के लिए ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसमें छोटी स्कीम में सबसे ज्यादा ब्याज मिलता है।

पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट- आप पोस्ट ऑफिस में 1,2,3 या पांच साल के लिए खाता खोल सकते हैं। यह बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह है। इसमें 5.5 पर्सेंट का ब्याज मिलता है। पांच साल की डिपॉजिट पर 6.7 पर्सेंट ब्याज मिलता है।

हर तिमाही में समीक्षा

स्माल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों की हर तिमाही समीक्षा होती है। इन योजनाओं की ब्याज दरें तय करने का फॉर्मूला श्यामला गोपीनाथ समिति ने दिया था। समिति ने सुझाव दिया था कि इन स्कीम की ब्याज दरें समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बांड के यील्ड से 0.25-1.00 फीसदी ज्यादा होनी चाहिए। लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें नहीं बदलने से बचतकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है।

आरबीआई की मुख्य ब्याज दर में भारी गिरावट के बाद बैंकों ने भी एफडी पर ब्याज घटा दिया है। कुछ एफडी की ब्याज दर तो कुछ बचत खाते की ब्याज दर से भी कम हो गई है। बैंकों के सेविंग्स अकाउंट्स की ब्याज दर में भी काफी कमी आई है।



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आरबीआई की मुख्य ब्याज दर में भारी गिरावट के बाद बैंकों ने भी एफडी पर ब्याज घटा दिया है। कुछ एफडी की ब्याज दर तो कुछ बचत खाते की ब्याज दर से भी कम हो गई है। पर स्माल सेविंग स्कीम पर ब्याज दरें पुरानी ही हैं


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Fewer Indians traveling this New Year, many changing minds last minute

Fewer Indians traveling this New Year, many changing minds last minute While fares are lower overall, they has surged year-on-year on some routes because of the last-minute surge

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No big bang year-end parties for corporate employees as celebrations turn virtual, private

No big bang year-end parties for corporate employees as celebrations turn virtual, private With Covid still very active, corporate year-end celebrations this year are a scaled-down affair. Companies are either taking the virtual route or encouraging employees to spend time with their families, while finding other ways, such as awards, to recognise their contributions

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Coronavirus News LIVE Updates: 5 new COVID-19 cases of mutant coronavirus strain in India, total 25 cases so far, says Health Ministry

Coronavirus News LIVE Updates: 5 new COVID-19 cases of mutant coronavirus strain in India, total 25 cases so far, says Health Ministry Coronavirus News LIVE Updates: India has recorded over 1.02 crore confirmed COVID- 19 cases so far, including 1.48 lakh deaths.

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शोधकर्ताओं ने एक बड़े एड फिशिंग कैंपेन का खुलासा किया, दुनियाभर के 6.15 लाख से ज्यादा फेसबुक यूजर्स प्रभावित

साइबर सिक्योरिटी के शोधकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर एड फिशिंग कैंपेन का खुलासा किया है, जिसमें ओपन सोर्स रिपॉजिटरी गिटहब के पेजों में छेड़छाड़ करके कम से कम 50 देशों के 6.15 लाख से अधिक फेसबुक यूजर्स के अकाउंट्स को निशाना बनाया गया है।

नेपाल बेस्ड साइबर सिक्योरिटी फर्म थ्रेटनिक्स (ThreatNix) के अनुसार, प्रभावित यूजर्स की लिस्ट प्रति मिनट 100 से अधिक एंट्रीज की तेज गति से बढ़ रही है।

असली पेज की हूबहू कॉपी बनाकर देते हैं झांसा

  • शोधकर्ताओं को फिशिंग कैंपेन का पता सबसे पहले एक स्पॉन्सर्ड फेसबुक पोस्ट के जरिए चला, जो नेपाल टेलीकॉम से 3 जीबी मोबाइल डेटा की पेशकश कर रहा था और गिटबह पेजों पर होस्ट की गई फिशिंग साइट पर रीडायरेक्ट कर रहा था। जिस पेज ने विज्ञापन पोस्ट किया था वह नेपाल टेलीकॉम के प्रोफाइल पिक्चर और नाम का उपयोग कर रहा था और हूबहू असली पेज जैसा ही दिख रहा था।

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कई देशों के फेसबुक यूजर्स को निशाना बनाया गया

  • फर्म ने इस सप्ताह अपने एक बयान में दावा किया, "हमने इसी तरह के फेसबुक पोस्टों को ट्यूनीशिया, मिस्र, फिलीपींस, पाकिस्तान, नॉर्वे, मलेशिया आदि से फेसबुक यूजर्स को टार्गेट करते देखा।"
  • फर्म के अनुसार, एड फिशिंग कैंपेन स्थानीय फेसबुक पोस्ट और पेजों का उपयोग करके वैध संस्थानों और विशिष्ट देशों के लक्षित विज्ञापनों को खराब कर रहा है। इन पोस्टों के भीतर लिंक के जरिए स्टेटिक गिटहब पेज वेबसाइट पर रीडायरेक्ट किया गया, जिसमें फेसबुक के लिए एक लॉगिन पैनल था।

शोधकर्ताओं ने लगभग 500 संवेदनशील पेज खोजें

  • शोधकर्ताओं ने कहा, "इन सभी स्टेटिक गिटहब पेजों से चुराई गई जानकारियों को दो एंड-पॉइंट्स- पहला फायरस्टार डेटाबेस और दूसरा फिशिंग समूह के स्वामित्व वाले डोमेन पर भेजा जा रहा था।
  • हमने फिशिंग पेजों वाले लगभग 500 गिटहब रिपॉजिटरी की खोज की जो उसी फिशिंग कैंपेन का एक हिस्सा हैं। फिलहाल फेसबुक और गिटहब ने थ्रेटनिक्स की इस रिपोर्ट पर कोई सफाई नहीं दी है।

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बिटली लिंक का उपयोग करते है स्कैमर्स

  • थ्रेटनिक्स ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के साथ सहयोग करके फिशिंग के बुनियादी ढांचे को नीचे ले जाने पर काम किया जा रहा है, जैसे कि हम तब तक डोमेन से संबंधित जानकारी को रोक रहे हैं"।
  • जबकि फेसबुक यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय कर रहा है कि ऐसे फिशिंग पेजों को विज्ञापनों के लिए अप्रूव्ड न किया जाए। शोधकर्ताओं ने समझाया कि इस स्थिति में, स्कैमर्स बिटली लिंक का उपयोग कर रहे थे, जिसे शुरू में एक सही पेज की तरह दर्शाया जाता है, लेकिन विज्ञापन अप्रूव्ड हो जाने के बाद, इसे फिशिंग डोमेन की कन्वर्ट कर लिया जाता है।


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Mega ad phishing campaign hits over 6.15 lakh Facebook users


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कल से चलेगी दिल्ली-कटरा वंदे भारत एक्सप्रेस, कोविड-19 के कारण बंद हो गया था संचालन

भारतीय रेलवे ने माता वैष्णो देवी के भक्तों को नए साल का तोहफा दिया है। रेलवे 1 जनवरी 2021 यानी कल से नई दिल्ली-कटरा के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को फिर से शुरू करने जा रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण इस ट्रेन को मार्च में बंद कर दिया गया था। वंदे भारत एक्सप्रेस चलने के बाद भक्त माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जा सकेंगे।

रेलमंत्री ने सोशल मीडिया में दी जानकारी

रेलमंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए इस ट्रेन को चलाए जाने की जानकारी दी है। गोयल ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है,''दिल्ली से कटरा तक मां वैष्णोदेवी की यात्रा को ले जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस 1 जनवरी, 2021 से पुनः अपनी सेवाएं आरंभ करेगी। माता के सभी भक्तों व तीर्थयात्रियों का स्वागत करने को भारत की आधुनिकतम ट्रेन एक बार फिर तैयार है। जय माता दी।"

3 अक्टूबर 2019 को शुरू हुई थी वंदे भारत एक्सप्रेस

नई दिल्ली से कटरा के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 3 अक्टूबर 2019 को की थी। 5 अक्टूबर से यात्रियों के लिए इसकी रेग्युलर सेवा शुरू हुई थी। कोविड-19 महामारी के कारण इस साल मार्च में वंदे भारत एक्सप्रेस को रोक दिया गया था। इसके अलावा नई दिल्ली-बनारस के बीच भी वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन होता है।

धीरे-धीरे शुरू की जा रही है रेल सेवा

कोविड-19 महामारी के कारण मार्च में बंद की गई यात्री रेल सेवा को धीरे-धीरे शुरू किया जा रहा है। रेलवे के मुताबिक, इस समय कुल 1768 यात्री ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसमें से 1089 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने अनलॉक के बाद तेजस एक्सप्रेस को भी शुरू किया था। लेकिन यात्रियों की कमी के कारण इसे बंद कर दिया गया है। तेजस एक्सप्रेस का संचालन IRCTC की ओर से किया जाता है।



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रेलवे के मुताबिक, इस समय कुल 1768 यात्री ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसमें से 1089 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं।


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कोविड के दौरान साइबर क्राइम पांच गुना बढ़ा, वैक्सीन बुकिंग के नाम पर भी हो रही है ठगी

साल 2020 कोविड-19 महामारी के नाम तो रहा ही, इसके नाम का इस्तेमाल कर साइबर क्राइम भी खूब बढ़ा। साइबर क्रिमिनल्स ने जो तरीके अपनाए हैं, उनमें सामान की होम डिलीवरी के नाम पर ठगी से लेकर सोशल मीडिया पर किसी के नाम की फेक प्रोफाइल क्रिएट करके उसके दोस्तों से पैसे मांगना तक शामिल हैं। यूएन के अनुसार सभी देशों में कोविड के दौरान साइबर क्राइम 350% बढ़ा है। कोविड से संबंधित डाटा हैकिंग भी हो रही है और एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऐसा करवाने में सरकारें भी शामिल रही हैं। एक देश दूसरे देश में वायरस और वैक्सीन बनाने का डाटा हैक करवा रहे हैं। इसके लिए ग्रे मार्केट में बोली तक लगाई जा रही है।

कोविड वैक्सीन की बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी

जयपुर पुलिस के साइबर क्राइम कंसल्टेंट मुकेश चौधरी ने बताया कि सबसे नया तरीका कोविड-19 वैक्सीन के नाम पर ठगी का है। साइबर क्रिमिनल वैक्सीन के नाम पर लोगों को फोन कर रहे हैं। वे कहते हैं, “आप वैक्सीन अभी बुक कर लीजिए, यह आपके घर पर ही डिलीवर कर दी जाएगी। अभी यह ऑफर सीमित लोगों के लिए है।” साइबर क्रिमिनल बुकिंग के नाम पर लोगों से पैसे ले रहे हैं, जबकि सरकार या किसी कंपनी ने अभी तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।

ऑनलाइन शॉपिंग और होम डिलीवरी के नाम पर ठगी

साइबर क्रिमिनल्स ने बैंक और ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर भी लोगों को ठगा। चौधरी ने बताया कि मुंबई के एक शख्स ने शराब की होम डिलीवरी के लिए 60 हजार रुपए की पेमेंट की थी, लेकिन डिलीवरी न होनी थी न हुई। इस तरह के अपराध के लिए क्रिमिनल्स ने फेसबुक पर पेज क्रिएट कर लिया था और वहीं से लोगों को ऑफर भेजते थे।

घर बैठे काम करवाने के नाम पर ले लिए पैसे

लॉकडाउन के कारण लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं हैं। साइबर एक्सपर्ट अभिषेक धाभाई ने बताया कि घर बैठे काम करने के नाम पर खूब धोखाधड़ी हो रही है। काम करने नाम पर लोगों से एडवांस पैसे लिए जा रहे हैं। वैसे तो यह तरीका पहले से चलन में है, लेकिन इन दिनों काफी बढ़ गया है। इसके अलावा लोगों को सरकारी एजेंसियों के नाम पर ईमेल भेजे जा रहे हैं। इसमें कहा जाता है कि आप कोविड पेशेंट के संपर्क में आए हैं। उसके बाद वे ऑनलाइन फॉर्म भरवाते हैं, जिसमें अनेक जानकारियां ले ली जाती हैं।

मोबाइल एप्स के जरिए लोन लेने वालों के सामने सुसाइड तक की नौबत

एप डाउनलोड करते समय यूजर के फोन बुक और गैलरी का एक्सेस ले लिया जाता है। किसी ने लोन ले लिया और इंस्टॉलमेंट समय पर नहीं दिया तो फोन बुक से कॉन्टैक्ट लेकर उन्हें मैसेज भेजा जाता है कि अमुक व्यक्ति ने लोन लिया है और उसने आपका कॉन्टैक्ट दिया है कि अगर उसने समय पर किस्त नहीं चुकाई तो आपसे पैसे वसूले जाएंगे। ऐसे ही एक मामले में हैदराबाद में दो लड़कियों ने सुसाइड कर लिया था। उसके बाद हैदराबाद पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया। मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर समेत अनेक जगहों पर ऐसे मामलों में केस दर्ज हुए हैं।

कोविड के अलावा भी नए तरह के साइबर क्राइम

जिन लोगों ने फेसबुक पर अपने मोबाइल नंबर को ही यूजर नेम और उसी को पासवर्ड रखा है, क्रिमिनल उनको निशाना बनाते हैं। उनकी फ्रेंड लिस्ट में जाकर लोगों को पैसे भेजने की रिक्वेस्ट करते हैं। इसमें उन लोगों को विशेष रूप से निशाना बनाया जाता है जो सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते हैं। फेसबुक यूजर्स को एक और तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। क्रिमिनल किसी सरकारी अफसर के फेसबुक एकाउंट की फेक प्रोफाइल क्रिएट करते हैं। वे किसी अधिकारी के नाम की डिस्प्ले कॉपी करते हैं और उसे लगाकर फेक आईडी बना लेते हैं। जिनकी फ्रेंड लिस्ट विजिबल हैं, उनसे नाम लेकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं और उनसे पैसे मांगते हैं। डीआईजी रैंक तक के अफसरों के साथ ऐसी घटनाएं हुई हैं।

ऑनलाइन धोखाधड़ी से कैसे बचें

एक्सपर्ट्स के अनुसार फिशिंग ईमेल से सावधान रहें। अगर किसी ईमेल में किसी तरह की जानकारी मांगी जाती है, या फॉर्म भरने को कहा जाता है तो पहले यह देखें कि ईमेल का सोर्स सही है या नहीं। एंटीवायरस और फायरवाल को अपडेटेड रखें। सोशल नेटवर्किंग साइट पर कहीं आने-जाने या घर की लोकेशन का जानकारी अपलोड न करें। वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल करना बेहतर है, क्योंकि इससे आईपी एड्रेस छुप जाता है। सोशल मीडिया पर फ्रेंड लिस्ट या फोटो गैलरी को सबके लिए ओपन न रखें। इसके अलावा मोबाइल नंबर को यूजर नेम और पासवर्ड नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि इसका अनुमान लगाना बहुत आसान होता है।



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Cyber Crimes On The Rise During Coronavirus Outbreak India Update; Online Shopping To Covid Vaccine Booking


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कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के लक्ष्य को इस साल घटा सकती है सरकार

इस साल कंपनियों में हिस्सेदारी बेच कर पैसे जुटाने के लक्ष्य को सरकार घटा सकती है। अभी तक के आंकड़े से तो यही लगता है। सरकार ने इस वित्त वर्ष में 2.10 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। जबकि अभी तक के 9 महीनों में सरकार को केवल 12,778 करोड़ रुपए ही मिले हैं।

7 सालों में कई बार लक्ष्य घटाया है

सूत्रों के मुताबिक सरकार अगले महीने में इस लक्ष्य को घटाने की घोषणा कर सकती है। इससे पहले भी सरकार ने पिछले 7 सालों में कई बार अपने लक्ष्यों को घटाई है और कई बार बढ़ाई भी है। सरकार ने 2015-16 में कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर 58 हजार 425 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था। पर सरकार को इसकी तुलना में केवल 23 हजार 349 करोड़ रुपए मिले। सरकार ने लक्ष्य को घटाकर 25 हजार 312 करोड़ रुपए कर दिया था।

2016-17 में घटाया था लक्ष्य

इसी तरह 2016-17 में सरकार ने लक्ष्य को घटाकर 45 हजार 500 करोड़ रुपए कर दिया था। जबकि पहला लक्ष्य 69 हजार 500 करोड़ रुपए था और सरकार को केवल 24 हजार करोड़ रुपए ही मिल पाया था। 2017-18 हालांकि सरकार के लिए काफी अच्छा रहा। इसमें लक्ष्य को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया। जबकि पहला लक्ष्य 72,500 करोड़ रुपए का था और सरकार को 1 लाख 642 करोड़ रुपए कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने से मिले थे।

7 सालों में दो बार लक्ष्य बढ़ा भी है

सरकार ने पिछले 7 फाइनेंशियल ईयर में से दो बार लक्ष्य को बढ़ाया था और इसमें ज्यादा पैसा मिला था। 2018-19 में सरकार ने पहले के 80 हजार करोड़ के लक्ष्य को बढ़ाकर 85 हजार करोड़ किया था। इस साल में सरकार को 85 हजार 63 करोड़ रुपए मिले थे। 2019-20 में सरकार ने 90 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा पर उसे केवल 49,828 करोड़ रुपए मिला। सरकार ने लक्ष्य घटाकर 65 हजार करोड़ रुपए कर दिया था।

सबसे बड़ा लक्ष्य इस साल में

अभी तक का सरकार का विनिवेश का लक्ष्य सबसे बड़ा इसी वित्त वर्ष में है। यह 2.10 लाख करोड़ रुपए है। 9 महीने बीत गए हैं। केवल 6 पर्सेंट ही पैसा अब तक सरकार जुटा पाई है। बता दें कि सरकार ने इस साल इतनी भारी-भरकम रकम जुटाने का लक्ष्य इसलिए रखा क्योंकि उसे यह उम्मीद थी कि देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का IPO आ जाएगा। हालांकि यह IPO अगले वित्त वर्ष में आना मुश्किल है। अगर यह IPO आ जाता है तो सरकार को इसी से 90 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम मिल जाती थी।

आईडीबीआई में भी हिस्सेदारी बेचने की योजना

इसी तरह से सरकार IDBI बैंक में भी हिस्सा बेचना चाहती है। भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) में भी सरकार हिस्सा बेच रही है। पर सरकार के लिए IDBI और LIC में हिस्सेदारी बेचना मुश्किल है। ऐसे में सरकार इस लक्ष्य को घटा सकती है। सरकार के पास अब केवल तीन महीने हैं। ऐसे में सरकार कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की अपनी रफ्तार तेज करेगी। सरकार के विनिवेश विभाग (दीपम) इस मामले में आगे की योजना बना रहा है।

उम्मीद है कि 1.20 लाख करोड़ रुपए मार्च अंत तक मिल सकते हैं। मोदी सरकार का यह 6ठवां साल है जब विनिवेश की रकम लक्ष्य से कम रही है।



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सरकार के पास अब केवल तीन महीने हैं। ऐसे में सरकार कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की अपनी रफ्तार तेज करेगी। सरकार के विनिवेश विभाग (दीपम) इस मामले में आगे की योजना बना रहा है। उम्मीद है कि 1.20 लाख करोड़ रुपए मार्च अंत तक मिल सकते हैं


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Start-up Street: Social justice and the start-up ecosystem

Disparities in start-ups are a global phenomenon and affirmative action is needed to ensure an equal opportunities environment for aspiring...