अब एक ही जगह पर मिल जाएंगे सभी स्वदेशी ऐप्स, मित्रों ने तैयार किया नया प्लेटफॉर्म; जानिए क्या है खास

टिकटॉक के बैन होने के बाद सुर्खियों में आई भारतीय शॉर्ट वीडियो ऐप मित्रों ने आत्मनिर्भर ऐप को लॉन्च कर दिया है। खास बात यह है कि इस ऐप में यूजर विभिन्न सर्विसेस और जरूरतों के हिसाब भारत में निर्मित ऐप्स को ढूंढ सकेंगे।

ऐप में बिजनेस, ई-लर्निंग, न्यूज, हेल्थ, शॉपिंग, गेम्स, यूटिलिटी, इंटरटेनमेंट, सोशल समेत कई अन्य कैटेगरी के स्वदेशी ऐप मौजूद हैं। फिलहाल, आत्मनिर्भर ऐप केवल एंड्रॉयड डिवाइस में काम करेगी।

फ्री में कर सकते हैं डाउनलोड

  • आत्मनिर्भर ऐप गूगल प्ले स्टोर पर मुफ्त में उपलब्ध है। यह आपको स्थानीय डेवलपर्स द्वारा बनाए गए 100 से अधिक भारतीय ऐप का पता लगाने और खोजने की अनुमति देता है। इसमें नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत की पहल को सपोर्ट करने के लिए आत्मनिर्भर प्रतिज्ञा लेने का विकल्प भी है।
  • ऐप में कोई रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत नहीं पड़ती। डाउनलोड करने के बाद इसमें सीधे स्वदेशी ऐप्स दिखने लगती हैं, जिन्हें डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें आरोग्य सेतु, BHIM ऐप, नरेंद्र मोदी ऐप, जियो टीवी, डिजिलॉकर, कागज स्कैनर, IRCTC रेल कनेक्ट समेत कई स्वदेशी ऐप्स शामिल हैं।

मिल जाती है ऐप से जुड़ी तमाम जानकारी

  • लिस्ट में ऐप का साइज, कितने भारतीयों इसे इंस्टॉल कर चुके हैं उनकी संख्या और ऐप क्या काम करती है उसके बारे में संक्षिप्त जानकारी मिलती है।
  • आत्मनिर्भर ऐप का डाउनलोड साइज 12MB है। वर्तमान में, प्लेटफॉर्म 100 से अधिक ऐप होस्ट करने का दावा करता है और इस वर्ष के अंत तक इसमें कुल 500 ऐप्स तक लाने की योजना है।
  • प्लेटफॉर्म ई-गवर्नेंस, यूटिलिटी, एग्रीकल्चर, गेमिंग, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल, ई-लर्निंग जैसी कैटेगरी से कई प्रकार के ऐप्स होस्ट करता है।
  • यह आत्मनिर्भर किफायत, ग्रोसिट, जैन थेला, होम शॉपी, यूअरकोट, विर्धी स्टोर, एक्सप्लोर एआई कीबोर्ड, एमपरिवाहन जैसे कम पॉपुलर ऐप्स को भी दर्शाता है।
  • लिस्ट की गई ऐप्स के बगल में 'गेट ऐप' का बटन है, जिसपर क्लिक करते ही यूजर सीधे गूगल प्ले स्टोर पर पहुंच जाता है, जहां से ऐप को डाउनलोड किया जा सकता है।
  • इसे आईओएस प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जाएगा या नहीं, इस बारे में कंपनी ने कोई सफाई नहीं दी है।


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Atmanirbhar Apps Launched by Mitron to Promote Indian Apps, Now all Indigenous Apps Will Be Found On One Place


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अक्टूबर में 1.05 लाख करोड़ रुपए रहा GST कलेक्शन, 8 महीने में पहली बार 1 लाख का आंकड़ा पार हुआ

कोविड-19 के कारण संकट में आई भारतीय अर्थव्यवस्था में अब सुधार होने लगा है। इसका ताजा संकेत गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन से मिला है। वित्त मंत्रालय के डाटा के मुताबिक, अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 1.05 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा है। मंत्रालय के मुताबिक, फरवरी के बाद पहली बार जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा है।

80 लाख GSTR-3B रिटर्न फाइल हुए

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, 31 अक्टूबर 2020 तक कुल 80 लाख GSTR-3B रिटर्न फाइल किए गए हैं। इसकी बदौलत अक्टूबर-2020 ग्रॉस जीएसटी रेवेन्यू 1,05,155 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इसमें 19,193 करोड़ रुपए का सीजीएसटी, 5,411 करोड़ रुपए का एसजीएसटी और 52,540 करोड़ रुपए का आईजीएसटी शामिल है। इसके अलावा 8,011 रुपए का सेस के जरिए मिले हैं। आईजीएसटी में आयात किए गए सामान से वसूले गए 23,375 करोड़ रुपए भी शामिल हैं।

पिछले साल के मुकाबले 10% ज्यादा रेवेन्यू

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अक्टूबर 2020 में जीएसटी कलेक्शन एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 10% ज्यादा रहा है। एक साल पहले समान अवधि यानी अक्टूबर 2019 में जीएसटी कलेक्शन 95,379 करोड़ रुपए रहा था। बयान में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण आर्थिक गतिविधियों के रुकने से जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से नीचे आ गया था।



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वित्त मंत्रालय के मुताबिक, अक्टूबर 2019 में जीएसटी कलेक्शन 95,379 करोड़ रुपए रहा था।


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रिलायंस के फाइबर कारोबार में 7558 करोड़ रु. का निवेश करेंगे ADIA और सउदी का PIF

अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और सउदी अरब का पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) संयुक्त रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के फाइबर कारोबार में 1.01 बिलियन डॉलर यानी 7558 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। यह निवेश फाइबर-ऑप्टिक असेट्स के इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) के माध्यम से किया जाएगा। जियो डिजिटल फाइबर प्राइवेट लिमिटेड के पास पूरे देश में जियो के फाइबर नेटवर्क का स्वामित्व है।

3779-3779 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे दोनों फंड

रिलायंस की एक प्रजेंटेशन में बताया गया कि ADIA और PIF दोनों अलग-अलग InvIT के जरिए 3779-3779 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। रिलायंस ने कहा कि RIL की सब्सिडियरी रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट एंड होल्डिंग्स लिमिटेड (RIIHL) ने डिजिटल फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट (DFIT) के रि-कैपिटलाइजेशन का कार्य पूरा कर लिया है। रिलायंस ने कहा कि RIIHL, InvIT के स्पॉन्सर बनी रहेगी। हालांकि, रिलायंस ने यह जानकारी नहीं दी कि इस निवेश के बदले दोनों सॉवरेन वेल्थ फंड को InvIT की कितनी हिस्सेदारी मिलेगी।

जियो प्लेटफॉर्म्स में भी निवेश कर चुके हैं यह दोनों सॉवरेन वेल्थ फंड

रिलायंस ने जियो प्लेटफॉर्म्स की 32.96% हिस्सेदारी बेचकर अप्रैल से अगस्त के दौरान 1,52,096 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इसमें इन दोनों सॉवरेन वेल्थ फंड समेत अन्य निवेशकों ने भी निवेश किया है। रिलायंस ग्रुप जियो को असेट-लाइट डिजिटल कंपनी बनाना चाहती है। साथ ही ग्रुप किफायती 5G सेवाओं पर फोकस कर रहा है। इसके लिए ग्रुप फाइबर नेटवर्क कारोबार का मॉनेटाइजेशन कर रही है।

टेलीकॉम टावर असेट्स के लिए मिल चुके हैं 25,215 करोड़ रुपए

पिछले साल रिलायंस को टेलीकॉम टावर असेट्स कारोबार की InvIT होल्डिंग्स के जरिए 25,215 करोड़ रुपए का निवेश मिल चुका है। यह निवेश कनाडा की ब्रुकफील्ड असेट मैनेजमेंट के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से मिला था। 31 मार्च 2020 तक जियो डिजिटल फाइबर ऑप्टिक फाइबर केबल नेटवर्क प्रतिकिलोमीटर 17.37 मिलियन फाइबर पेयर का संचालन कर रहा था।

मार्च 2019 में अलग-अलग हुई थीं सब्सिडियरी

रिलायंस ने मार्च 2019 में अपनी टेलीकॉम सब्सिडियरी रिलायंस जियो को फाइबर और टावर कारोबार से अलग किया था। बाद में इनको जियो डिजिटल फाइबर प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस जियो इंफ्राटेल प्राइवेट लिमिटेड के रूप में व्यवस्थित किया था। इससे रिलायंस को इनके असेट्स को बैलेंस शीट से हटाने में मदद मिल गई थी। अब यह दोनों कंपनियां स्वतंत्र इकाई के तौर पर ऑपरेट करती हैं और रिलायंस जियो इंफोकॉम इनका स्पॉन्सर है।

InvIT की स्पॉन्सर बनी रहेगी रिलायंस

ताजा प्लान के मुताबिक, रिलायंस InvIT की स्पॉन्सर बनी रहेगी और कम से कम 15% हिस्सेदारी बनाए रखेगी। शेष 85% हिस्सेदारी ADIA और PIF समेत अन्य वैश्विक निवेशकों को बेची जा सकती है।



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रिलायंस InvIT की स्पॉन्सर बनी रहेगी और कम से कम 15% हिस्सेदारी बनाए रखेगी। शेष 85% हिस्सेदारी ADIA और PIF समेत अन्य वैश्विक निवेशकों को बेची जा सकती है। 


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दिवाली पर मिले गिफ्ट का भी रखें हिसाब, नहीं तो आ सकता है इनकम टैक्स नोटिस

दिवाली पर आम तौर पर लोग एक दूसरें को गिफ्ट देते हैं। अगर आपको भी दिवाली के मौके पर गिफ्ट मिलते हैं तो आपको अलर्ट रहने की जरूरत है वरना आप को इनकम टैक्‍स विभाग से नोटिस मिल सकता है। इनकम टैक्‍स के नियमों के तहत अगर आपको एक साल में 50 हजार रुपए से अधिक कीमत का गिफ्ट मिला है तो इस पर आपको टैक्‍स देना होगा। ऐसे में आपको इनकम टैक्‍स रिटर्न भरते समय इस बात का ध्‍यान रखना होगा।


50 हजार से ज्यादा कीमत के गिफ्ट पर देना होता है टैक्स
मौजूदा नियमों के तहत अगर आपको एक साल में 50 हजार रुपए से अधिक कीमत का गिफ्ट मिलता है तो इस पर आपको टैक्‍स देना होगा। कई बार साल में कई मौकों पर आपको गिफ्ट मिलता है और हो सकता है कि इसकी कुल कीमत 50 हजार रुपए से अधिक हो। ऐसे में इनकम टैक्‍स रिटर्न भरते समय आपको इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए। आपको इनकम टैक्‍स में 50 हजार रुपए से अधिक के गिफ्ट की जानकारी देनी होगी। अगर आप यह जानकारी इनकम टैक्‍स विभाग से छिपाते हैं आपको बाद में मुश्किल हो सकती है।


कैसे लगता है गिफ्ट पर टैक्स
आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 56(2)(x) के तहत करदाता को मिले गिफ्ट्स पर कर देनदारी बनती है। टैक्स के दायरे में आने वाले गिफ्ट्स में ये चीजें शामिल हैं-

  • चेक या कैश में मिली 50000 रुपए से ज्यादा की रकम।
  • जमीन, बिल्डिंग आदि जैसी कोई भी अचल संपत्ति, जिसकी स्टांप ड्यूटी 50000 रुपए से ज्यादा हो।
  • 50000 रुपए से ज्यादा की ज्वैलरी, शेयर, पेंटिंग्स या अन्य महंगी चीजें।
  • अचल संपत्ति के अलावा 50000 रुपए से ज्यादा की कोई भी प्रॉपर्टी।


रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पर नहीं लगता है टैक्स
अगर आपको अपने परिवार के सदस्यों से गिफ्ट मिलता है जिनके साथ आपको ब्लड रिलेशन है तो इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है। आप अपने परिवार के सदस्यों से कितनी भी कीमत का गिफ्ट ले सकते हैं या दे सकते हैं। यह टैक्सेबल नहीं है। छूट के इस दायरे में आने वाले गिफ्ट इस तरह हैं-

  • पति या पत्नी से मिला गिफ्ट।
  • भाई या बहन से मिला गिफ्ट।
  • पति या पत्नी के भाई या बहन से मिला गिफ्ट।
  • माता-पिता के भाई या बहन से मिला गिफ्ट।
  • विरासत या वसीयत में मिला ​गिफ्ट या प्रॉपर्टी।
  • पति या पत्नी के किसी निकटतम पूर्वज या वंशज से मिला गिफ्ट।
  • हिंदु अनडिवाइडेड फैमिली के मामले में किसी भी मेंबर से मिला गिफ्ट।
  • लोकल अथॉरिटी जैसे पंचायत, म्यूनिसपलिटी, म्यूनिसपल कमेटी और डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, कैंटोनमेंट बोर्ड से मिला गिफ्ट।
  • सेक्शन 10 (23C) में उल्लिखित किसी फंड/फाउंडेशन/यूनिवर्सिटी या अन्य एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, हॉस्पिटल या अन्य मेडिकल इंस्टीट्यूशन, ट्रस्ट या इंस्टीट्यूशन से मिला गिफ्ट।
  • सेक्शन 12A या 12AA के तहत रजिस्टर किसी चैरिटेबल या धार्मिक ट्रस्ट से मिला गिफ्ट।


एम्प्लॉयर से मिले तोहफे पर भी लगता टैक्स
अगर आपके एम्प्लॉयर से एक वित्त वर्ष में 5,000 रुपये मूल्य तक का मिला उपहार टैक्स फ्री होगा, लेकिन तोहफे की वैल्यु 5,000 रुपये से ज्यादा हुई तो अतिरिक्त रकम को आपकी सैलरी से हुई आमदनी मानी जाएगी और उस पर इनकम टैक्स देना होगा।



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अगर आपको अपने परिवार के सदस्यों से गिफ्ट मिलता है जिनके साथ आपको ब्लड रिलेशन है तो इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है


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इंडियन आर्मी ने खुद के लिए बनाया वॉट्सऐप जैसा ऐप तो भारत में पबजी का पूरी तरह से गेम ओवर, पढें इस हफ्ते के ऐप अपडेट

आपको टेक्नोलॉजी पसंद है, लेकिन समय कम होने की वजह से आप इससे जुड़ी खबरें नहीं पढ़ पाते, तब हम आपके लिए टेक डिस्क्राइबर लेकर आए हैं। इस एक खबर में हम आपको इस सप्ताह अपडेट हुए ऐप्स के साथ लॉन्च होने वाली नई टेक्नोलॉजी के बारे में बताएंगे। तो चलिए जल्दी से शुरू करते हैं वीकली डिस्क्राइबर।

1. भारत में लॉन्च हुई एपल वन सर्विस

  • एपल ने अपनी नई सर्विस एपल वन को भारत समेत कई देशों में लॉन्च कर दिया है, कंपनी के सीईओ टिम कुक ने इसकी घोषणा की। एपल वन एक सब्सक्रिप्शन बंडल है, जिसमें एपल म्यूजिक, टीवी प्लस, आर्केड और आईक्लाउड स्टोरेज सर्विसेस शामिल हैं। एपल वन की कीमत 195 रुपए प्रति माह ( इंडिविजुअल के लिए) और 365 रुपए प्रति माह (फैमिली के लिए) है। अब भारतीय यूजर इसे साइन अप कर सकते हैं।
  • एपल वन के इंडिविजुअल प्लान में एपल म्यूजिक, एपल टीवी प्लस, एपल आर्केड और 50 जीबी आईक्लाउड स्टोरेज शामिल है। यदि आप एपल वन फैमिली में अपग्रेड करते हैं, तो आपको 200GB का आईक्लाउड स्टोरेज मिलता है, और सभी बेनेफिट्स को फैमिली शेयरिंग के हिस्से के रूप में परिवार के 6 सदस्यों के साथ शेयर किया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके और यूएस में एक तीसरा टियर उपलब्ध है - एपल वन प्रीमियर (2,236 रुपए प्रति माह) - जिसमें एपल न्यूज प्लस और नया एपल फिटनेस प्लस (अभी लॉन्च किया जाना) और 2 टीबी तक का iCloud स्टोरेज मिलता है।

2. भारत में पबजी का पूरी तरह से गेम ओवर

  • पबजी मोबाइल और पबजी मोबाइल लाइट 30 अक्टूबर यानी आज से भारत में पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया है। कंपनी ने एक सोशल मीडिया पर इस बात की सूचना दी। यह सरकार द्वारा लोकप्रिय बैटल रोयाल गेम के बैन होने के दो महीने बाद होने जा रहा है।
  • बता दें कि सितंबर की शुरुआत में पबजी मोबाइल और पबजी मोबाइल लाइट के साथ अन्य 116 ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया गया था। सरकार ने इस ऐप्स को बंद करने की वजह चीन से सुरक्षा खतरों को बताया था।

फिर वापसी कर सकती है पबजी!

  • भारत में पबजी गेम के पब्लिशिंग राइट्स दक्षिण कोरियाई कंपनी ब्लूहोल स्टूडियो ने चीन की कंपनी टेनसेंट गेम्स को दे दिए थे, लेकिन भारत सरकार के आदेश के बाद ब्लूहोल स्टूडियो ने टेनसेंट के साथ काम करने से इंकार कर दिया। अब पबजी मोबाइल के पब्लिशिंग राइट्स फिर से पबजी कॉरपोरेशन को मिल जाएंगे।
  • पबजी कॉरपोरेशन ने कहा है कि 2 दिसंबर तक कंपनी भारत में इस गेम के राइट्स दक्षिण कोरियाई गेमिंग कंपनी क्रॉफ्टन इंक को दे देगी। ताकि देश में पबजी की सेवाएं जारी रह सके। क्रॉफ्टन इंक पहले की तरह ही निजी जानकारी का इस्तेमाल करेगा और उसे अपने पास रखेगा।

3. भारतीय सेना ने खुद के लिए बनाया वॉट्सऐप जैसा ऐप SAI

  • भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत मुहीम के तहत, भारतीय सेना ने 'सिक्योर एप्लीकेशन फॉर द इंटरनेट (SAI)' नाम की एक सुरक्षित मैसेजिंग एप्लिकेशन को डेवलप और लॉन्च किया है। यह एंड्रॉयड प्लेटफार्म पर एंड-टू-एंड सिक्योर वॉयस, टेक्स्ट और वीडियो कॉलिंग सर्विसेस को सपोर्ट करता है। गुरुवार को रक्षा मंत्रालय ने इसकी घोषणा की।
  • यह ऐप कमर्शियली रूप से उपलब्ध मैसेजिंग ऐप जैसे वॉट्सऐप, टेलीग्राम, संवाद और जीआईएमएस (GIMS) की तरह ही है और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मैसेजिंग प्रोटोकॉल का उपयोग करता है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि- साई लोकल-इन-हाउस सर्वर और कोडिंग के साथ सुरक्षा सुविधाओं पर काम करता है, जिसे उपयोगिता के अनुसार बदला जा सकता है। फिलहाल ये गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है।

4. अवास्ट ने प्ले स्टोर पर 21 मलेशियस गेमिंग ऐप की पहचान की

  • गेमिंग के शौकीन हैं तो अब आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। अवास्ट ने गूगल प्ले स्टोर में 21 मलेशियस गेमिंग ऐप की पहचान की है, जिनमें एडवेयर (adware) जैसे विशेषताएं मिली हैं। प्ले स्टोर पर ये गेम्स खुद को मजेदार और टाइमपास के रूप में पेश करते हैं, लेकिन वास्तव में अनचाहे और जबरन विज्ञापन प्रदर्शित करते हैं, जो यूजर को इसी तरह के अन्य ऐप्स और गेम्स डाउनलोड करने के लिए आकर्षित करते हैं। लगभग सभी गेम अभी भी डाउनलोड के लिए गूगल प्ले स्टोर में मौजूद हैं।
  • अवास्ट द्वारा पहचाने गए ये 21 ऐप और गेम्स एडवेयर की श्रेणी में आते हैं। हालांकि, ये ऐप और गेम्स डेटा चोरी नहीं करते हैं या अन्य संवेदनशील गतिविधि नहीं करते हैं, लेकिन फिर भी रेवेन्यू जनरेट करने के लिए ये यूजर को जबरन में विज्ञापन दिखाते हैं। एक बार जब ये ऐप एंड्रॉयड डिवाइस पर इंस्टॉल हो जाते हैं, उसके बाद ये अपना काम करना शुरू कर देते हैं। सेंसर टॉवर के आंकड़ों के अनुसार, अभी तक इन ऐप और गेम्स को लगभग आठ मिलियन (80 लाख) बार डाउनलोड किया जा चुका है।


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Indian Army has created an app like WhatsApp for itself, PUBG is completely game over in India, read this week's app update


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1 नवंबर से बैंक ऑफ बड़ौदा में पैसा जमा करने और निकालने के लिए देना होगा चार्ज

बैंक ऑफ बड़ौदा 1 नवम्बर से ट्रांजेक्शन के नियमों में बदलाव करने जा रहा है। ये बदलाव बैंक के करंट अकाउंट, ओवरड्राफ्ट अकाउंट, कैश क्रेडिट अकाउंट, सेविंग्स अकाउंट व अन्य अकाउंट्स के लिए कैश जमा व निकासी से जुड़ी सर्विस पर लागू होंगे। अब आपको 3 बार से ज्यादा पैसे निकालने या जमा करने पर शुल्क देना होगा। हम आपको 1 नवंबर से लागू होने वाले नए नियमों के बारे में बता रहे हैं।


कैश डिपॉजिट के नए नियम
करंट अकाउंट, ओवरड्राफ्ट या कैश क्रेडिट सहित अन्य अकाउंट्स के लिए 1 नवंबर से कैश हैंडलिंग चार्ज, प्रतिदिन प्रति अकाउंट 1 लाख रुपए से ज्यादा कैश जमा करने पर प्रति 1000 रुपए पर 1 रुपए रहेगा। यह चार्ज मिनिमम 50 रुपए और अधिकतम 20000 रुपए होगा। आउटस्टेशन ब्रांच के करंट अकाउंट, ओवरड्राफ्ट और कैश क्रेडिट सहित अन्य अकाउंट्स के मामले में कैश हैंडलिंग चार्ज में कोई बदलाव नहीं हो रहा है। यह चार्ज प्रतिदिन प्रति अकाउंट 25000 रुपए से ज्यादा कैश जमा पर प्रति 1000 रुपए पर 2.50 रुपए है।


सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करने के नए नियम
मेट्रो-अर्बन ब्रांच में मौजूद सेविंग्स अकाउंट में 3 बार कैश जमा करने के बाद (अन्य माध्यमों से ट्रांजेक्शन शामिल नहीं) चौथी बार से हर बार 50 रुपए चार्ज देना होगा। रूरल या सेमी अर्बन ब्रांच के सेविंग्स अकाउंट, पेंशनर अकाउंट व सीनियर सिटीजन अकाउंट्स (बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट/फाइनेंशियल इन्क्लूजन अकाउंट्स को छोड़) के मामले में किसी भी ब्रांच में अब महीने में 3 बार कैश जमा करने के बाद (अन्य माध्यमों से ट्रांजेक्शन शामिल नहीं) चौथी बार से 40 रुपए प्रति जमा चार्ज लगेगा। अभी महीने में 5 बार कैश डिपॉजिट पर चार्ज नहीं लगता है।


कैश निकालने पर भी देना होगा चार्ज
करंट अकाउंट,ओवरड्राफ्ट या सीसी से एक महीने में 3 बार पैसे निकाले जाते हैं तो ग्राहक से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। चौथी बार पैसे निकालने पर प्रत्येक विड्राल पर 150 रुपए शुल्क लिया जाएगा। सेविंग अकाउंट वालों के लिए तीन बार तक पैसे निकालना फ्री रहेगा। चौथी बार से हर बार पैसे निकालने पर 125 रुपए चार्ज लगेगा।


रूरल या सेमी अर्बन ब्रांच के सेविंग्स अकाउंट, पेंशनर अकाउंट और सीनियर सिटीजन अकाउंट (बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट/फाइनेंशियल इन्क्लूजन अकाउंट्स को छोड़) से किसी भी ब्रांच के जरिए 1 नवंबर से महीने में 3 बार फ्री में कैश निकाला जा सकेगा। इसके बाद चौथी बार से 100 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन का चार्ज लगेगा। आउटस्टेशन ब्रांच में हर तरह के अकाउंट के मामले में खाताधारक एक दिन में मैक्सिमम 50000 रुपए निकाल सकेगा।



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सेविंग्स अकाउंट में 3 बार कैश जमा करने के बाद चौथी बार से 50 रुपए प्रति जमा चार्ज लगेगा


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त्यौहार पर घर लाना हो नया स्कूटर, तो ये 5 हो सकते हैं बेस्ट ऑप्शन, सबसे सस्ता 61 हजार का

स्कूटर सेगमेंट भारत में टू-व्हीलर बिजनेस का एक बड़ा हिस्सा है और इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था लॉकडाउन खुलने के बाद धीरे-धीरे उबर रही है। जो लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने से बचने चाहते हैं उनके लिए स्कूटर सबसे सस्ता विकल्प है।
इसलिए, आज हमने पांच पॉपुलर स्कूटरों की लिस्ट तैयार की है, जो इस फेस्टिव सीजन आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकते हैं। नीचे देखें लिस्ट...

1. सुजुकी एक्सेस 125 (Suzuki Access 125)

  • एक्सेस 125 वह प्रोडक्ट है जिसने भारतीय बाजार में सुजुकी की किस्मत बदल दी है। यह सुजुकी का अब तक का सबसे लोकप्रिय प्रोडक्ट है और यह पिछले कुछ सालों से लोगों के बीच पॉपुलर बना हुआ है।
  • एक्सेस 125 स्पोर्ट्स एक स्ट्रेट-फॉर्वर्ड डिजाइन है, इसमें कोई अनावश्यक फीचर्स नहीं हैं, और यह बहुत तेज और सुखद 125 सीसी इंजन से लैस है, जो इसे बीएस 6 अवतार में अपने कॉम्पीटिटर्स से बेहतर बनाता है।
  • बीएस 6 के लिए इसमें फ्यूल-इंजेक्शन सिस्टम दिया गया है, जो एक्सेस को पहले से ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट बनाता है। सबसे खास बात यह भी है कि इसकी कीमत काफी प्रतिस्पर्धी है। यदि आप एक तेज, नो-नॉनसेंस स्कूटर चाहते हैं, तो एक्सेस 125 एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है।
  • कीमत: 67,100-71,700 रुपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली)
  • इंजन: 124 सीसी, सिंगल सिलेंडर, एयर-कूल्ड एफआई
  • पावर: 8.7hp@6,750rpm
  • टॉर्क: 10Nm@5,500rpm

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1. टीवीएस ने एनटॉर्क 125 को एवेंजर्स इंस्पायर्ड थीम के साथ लॉन्च किया, कीमत 83327 रुपए

2. हीरो ने स्टाइलिश लुक के साथ प्लेजर का नया एडिशन लॉन्च किया, इसमें डुअल-टोन कलर और बैकरेस्ट मिलेगा

3. देश के सबसे ज्यादा माइलेज वाले 5 स्कूटर, ये 1 लीटर पेट्रोल में 65km तक दौड़ेंगे; अभी खरीदने पर कई ऑफर्स भी मिलेंगे

2. टीवीएस एनटॉर्क 125 (TVS Ntorq 125)

  • यह टीवीएस का एक बेहतरीन स्कूटर है। बीएस 6 में अपडेट होने के बाद इसके परफॉर्मेंस में थोड़ा गिरावट जरूर आई है लेकिन फिर भी इसमें चलाने में बहुत मजा आता है।
  • एनटॉर्क में डिटेल्ड एलसीडी डिस्प्ले और नेविगेशन सपोर्ट करने के लिए ब्लूटूथ कनेक्टिविटी मिलती है। बीएस 6 के लिए इसे फ्यूल इंजेक्शन भी मिलता है, जबकि नया एनटॉर्क रेस ए़डिशन अब एक फंकी-लुक फुल एलईडी हेडलाइट के साथ आता है।
  • एनटॉर्क की कीमत काफी अच्छी है, और मुख्य रूप से यह भारत के कुछ स्कूटरों में से एक है जिसमें घुटनों और हैंडलबार के बीच पर्याप्त जगह मिल जाती है, जो लंबे राइडर को कंफर्टेबल राइड एक्सपीरियंस प्रदान करता है। बीएस 6 में अपडेट होने के बाद यह पहले से ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट भी हो गया है।
  • कीमत: 65,975-72,455 रुपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली)
  • इंजन: 124.8 सीसी, सिंगल सिलेंडर, एयर-कूल्ड एफआई
  • पावर: 9.38hp@7,000rpm
  • टॉर्क: 10.5Nm@5,500rpm

3. सुजुकी बर्गमैन (Suzuki Burgman)

  • सुजुकी इंडिया केवल बाजार के लिए पर्पज-बिल्ट मॉडल बनाने का प्रयास करता है और बर्गमैन स्ट्रीट उनमें से एक है। सुजुकी ने लोगों के लिए एक मैक्सी-स्कूटर लाने की कोशिश की है, जिसमें बिल्कुल अलग दिखने वाला बॉडी-वर्क है, जो एक्सेस 125 के प्लेटफॉर्म पर बेस्ड है।
  • लुक्स की बात करें तो यह प्रीमियम और महंगा दिखने वाला स्कूटर है। यह टॉप-स्पेक एक्सेस की तुलना में इसकी कीमत 6,200 रुपए ज्यादा है। जिसमें एक बड़ी सीट वाला और एक बड़ा स्मार्ट दिखने वाला स्कूटर मिलता है।
  • हालांकि, बर्गमैन स्ट्रीट को तीसरे नंबर पर इसलिए स्थान दिया है क्योंकि वास्तव में इसमें लंबे राइडर्स के लिए पर्याप्त स्पेस नहीं है क्योंकि हमने पाया है कि गाड़ी टर्न करते समय राइडर के घुटने हैंडलबार से टकराते हैं।
  • कीमत: 77900 रुपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली)
  • इंजन: 124 सीसी, सिंगल सिलेंडर, एयर-कूल्ड एफआई
  • पावर: 8.7hp@6,750rpm
  • टॉर्क: 10Nm@5,500rpm

4. अप्रिलिया एसआर 160 (Aprilia SR 160)

  • अप्रिलिया एसआर 150 को लॉन्च हुए चार साल हो चुके हैं, और हमें लगता है कि यह अभी भी सबसे स्टाइलिश और स्पोर्टी दिखने वाला स्कूटर है।
  • एसआर में हमें अलग राइडिंग स्टाइल मिलती है, जिसके लिए इसके 14 इंच व्हील्स और बड़े व्हीलबेस को धन्यवाद देना चाहिए, जो कई कम्युटर मोटरसाइकिलों से भी अधिक लंबा है।
  • इसमें एक कठोर सस्पेंशन सेटअप, फर्म ब्रेक और एक पेपी मोटर मिलती है। इसमें आपको सबसे स्पोर्टी स्कूटर-राइडिंग का एक्सपीरियंस मिलता है।
  • अभी हाल ही में, अप्रिलिया ने भी एसआर को बीएस 6 नियमों को पूरा करने के लिए एक नया 160 सीसी इंजन दिया है, और स्कूटर को अब एसआर 160 कहा जाता है, हालांकि इसमें बाकी का प्लेटफॉर्म वैसा ही है।
  • इसमें क्रमशः 11.1hp और 11.6Nm का पावर आउटपुट मिल जाता है, जो इसे भारत में बिक्री के लिए उपलब्ध सबसे शक्तिशाली स्कूटर बनाते हैं।
  • कीमत: 1.04-1.14 लाख रुपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली)
  • इंजन: 160 सीसी, सिंगल सिलेंडर, एयर-कूल्ड एफआई
  • पावर: 11hp@7,600rpm
  • टॉर्क: 11.6Nm@6,000rpm

5. टीवीएस जुपिटर (TVS Jupiter)

  • टीवीएस जुपिटर को इस लिस्ट में लाने का कारण यह है कि यह उन सभी लोगों के लिए बेहतर विकल्प है, जो एक प्रैक्टिकल स्कूटर चाहते हैं।
  • जुपिटर में न सिर्फ एक अच्छा इंजन मिल जाता है बल्कि सस्पेंशन और कंफर्ट के मामले में भी यह दूसरे मॉडल्स पर बढ़त बनाता है। इसके दोनों पहिए 12-इंच के हैं।
  • जुपिटर में कई ऐसे फीचर्स है, जिसे होंडा एक्टिवा में आने में सालों लग गए। जुपिटर में टेलिस्कोपिक फोर्क, 12-इंच का फ्रंट व्हील और एक बाहरी फ्यूल-फिलर कैप है।
  • कीमत: 61,499-67,911 रुपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली)
  • इंजन: 109 सीसी, सिंगल सिलेंडर, एयर-कूल्ड एफआई
  • पावर: 7.45hp@7,000rpm
  • टॉर्क: 8.4Nm@5,500rm


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Top scooters to buy this festive season|Want To Buy a New Scooter On This Festive Season, These 5 Can Be The Best Option, Starting Price 61 thousand Rupees


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Amazon tells India regulator its partner Future Retail is misleading public

Amazon tells India regulator its partner Future Retail is misleading public Amazon is locked in a bitter legal dispute with Future Group, which in August sold its retail assets to Mukesh Ambani-led Reliance Industries Ltd for $3.4 billion. The deal, Amazon alleges, breaches 2019 agreements by Future.

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SBI net banking service: How to register on SBI online banking at onlinesbi.com

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ब्याज पर ब्याज माफी से जुड़े 10 सवालों के जवाब; हर EMI वक्त पर चुकाई, तब भी फायदा, लेकिन TDS कटेगा

सुप्रीम कोर्ट में ब्याज पर ब्याज की माफी को लेकर जो केस चल रहा है, उसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लिए आदेश जारी किया है। इसमें उन लोगों को भी ब्याज पर ब्याज की माफी मिलेगी, जिन्होंने मोरेटोरियम के दौरान यानी इस साल मार्च से अगस्त तक समय पर EMI चुकाई है। RBI के आदेश पर बैंकों को ब्याज पर ब्याज माफी के बारे में सर्कुलर जारी करना होगा। यह ब्याज पर ब्याज माफी 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर लागू होगी। यदि आपने समय पर EMI चुकाई है तो आपको यह फायदा कैशबैक के तौर पर मिलेगा। जानते हैं कि यह फायदा किसे और कैसे मिलेगा?

1. यह ब्याज पर ब्याज का केस क्या है?

दरअसल, कोरोना लॉकडाउन की वजह से सरकार ने रिजर्व बैंक को कहकर सभी तरह के लोन पर एक मार्च से 31 अगस्त तक मोरेटोरियम दिया था। यह छूट दी थी कि मोरेटोरियम पीरियड में EMI नहीं चुकाएंगे तो भी किसी को डिफॉल्टर घोषित नहीं किया जाएगा। फिर सवाल उठा कि यदि EMI नहीं चुकाई तो उस पीरियड का ब्याज प्रिंसिपल अमाउंट यानी मूलधन में जुड़ेगा। फिर उस ब्याज पर भी ब्याज लगेगा। यह गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में इसी ब्याज पर ब्याज को लेकर पिटीशन दाखिल हुई है।

2. अब ब्याज पर ब्याज को माफ करने की यह स्कीम क्या है?

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि ब्याज पर ब्याज में छूट दी जाएगी। इसी को आगे बढ़ाते हुए रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को आदेश दिया है कि मोरेटोरियम पीरियड में ब्याज पर ब्याज न वसूला जाए।

3. मार्च से अगस्त तक EMI नहीं चुकाई है तो क्या होगा?

सरकार ने कोरोना लॉकडाउन की दिक्कतों को देखते हुए राहत दी है, लेकिन EMI माफ नहीं की है। EMI का पेमेंट तो करना ही होगा। इससे आपके लोन का रीपेमेंट शेड्यूल नए सिरे से तय होगा और हो सकता है कि आपको पहले से तय EMI के मुकाबले ज्यादा रकम चुकानी पड़े। फायदा सिर्फ इतना है कि आपको मोरेटोरियम पीरियड में ब्याज पर ब्याज नहीं लगेगा।

4. क्या यह स्कीम सभी तरह के लोन पर लागू होगी?

नहीं। यह स्कीम उस लोन पर लागू होगी, जो 2 करोड़ रुपए से कम के हैं। आपका लोन ऑटो, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर ड्यूरेबल, पर्सनल, क्रेडिट कार्ड और MSME का होना चाहिए। इन्हीं लोन पर ब्याज पर ब्याज की छूट मिलेगी।

5. अगर आपने वक्त पर EMI चुकाई है तो क्या होगा?

फायदा तो तब भी मिलेगा। इसे एक्स-ग्रेशिया कहा जाएगा। आपने EMI वक्त पर चुकाई है तो आपको ब्याज पर ब्याज (कम्पाउंड इंटरेस्ट) और साधारण ब्याज (नॉर्मल इंटरेस्ट) के बीच का जो अंतर है, वह कैशबैक के तौर पर मिलेगा। एक्स-ग्रेशिया का मतलब यह है कि सरकार अपनी मर्जी से आपको यह रकम दे रही है। इसे आपको लौटाना नहीं है, यह एक तरह से सरकार का गिफ्ट है।

6. हमें किस लोन पर कितना फायदा मिलेगा?

यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपका लोन क्या है? आपके लोन पर ब्याज दर क्या लग रही है? आपने वह लोन कहां से लिया है? सरल शब्दों में ब्याज पर ब्याज के तौर पर जो कैशबैक मिल रहा है, वह आपके लोन पर बैंकों की ओर से वसूली जाने वाली ब्याज दर पर निर्भर करेगा।

7. फिर भी लोन पर फायदे को कैसे समझ सकते हैं?

मान लीजिए, आपने एक करोड़ रुपए का होम लोन लिया है और आप इस पर 8% सालाना की दर से ब्याज चुका रहे हैं। इस हिसाब से छह महीने में कुल ब्याज बनता है चार लाख रुपए। ब्याज पर ब्याज का अमाउंट बनता है- 16,269 रुपए। नई स्कीम के तहत यह 16,269 रुपए की राशि ही आपको कैशबैक के तौर पर मिलेगी। यह पैसा आपके अकाउंट में 5 नवंबर 2020 तक आ जाएगा।

8. क्या एक्स-ग्रेशिया पर कोई टैक्स लगेगा?

हां। अगर आपके खाते में ऐसी कोई रकम आती है तो इसे इनकम माना जाएगा और इस पर टैक्स यानी TDS लगेगा। यह अगले साल आपको भरना होगा।

9. क्या सभी तरह के लोन पर ब्याज पर ब्याज का लाभ मिलेगा?

नहीं। यह फायदा आपको तभी मिलेगा जब आपने यह लोन किसी बैंक, NBFC या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से लिया हो। यदि आपने किसी साहूकार से लोन लिया है तो उस पर आपको कोई राहत नहीं मिलने वाली।

10. इस छूट के लिए कहां अप्लाय करना होगा?

इसके लिए आपको कुछ नहीं करना है। आपने जिससे लोन लिया है, वह ही आपके अकाउंट में इस अमाउंट को एडजस्ट कर देगा। बैंकों में कॉर्पोरेट सेंटर से सेंट्रलाइज्ड कैल्कुलेशन के बाद सभी खातों में पैसा जमा कर दिया जाएगा।



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Loan Moratorium Cashback | Questions & Answers On EMI Loan Moratorium Interest on Interest Waiver


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दुनियाभर की कंपनियों के लिए उत्तर प्रदेश बना निवेश के लिए पसंदीदा राज्य; 45000 करोड़ का होगा निवेश; 1.35 लाख को मिलेगा रोजगार

कोरोना संकट के दौरान भी योगी सरकार वित्तीय व्यवस्था ठीक करने में लगी रही। इस दौरान राज्य सरकार 45,000 करोड़ रुपए का निवेश लाने में सफल रही है। जल्द ही ये कंपनियां निवेश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगी। यूपी में यह निवेश जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया समेत करीब 10 देशों की कंपनियां करेंगी। इन देशों की कई दिग्गज कंपनियां यूपी में पैसे लगाएगी।

1.35 लाख लोगों को रोजगारइंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने (IDA) प्रोजेक्ट के लिए 426 एकड़ जमीन (326 प्लॉट) भी आवंटित कर दिया है। इस निवेश से 1.35 लोगों के लिए रोजगार के मौके बनेंगे। यूपी सरकार में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास (IIDC) आयुक्त आलोक टंडन ने बताया कि पिछले 6 महीने में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने निवेश परियोजनाओं के लिए लगभग 426 एकड़ आवंटित किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रमुख सुधारों में से एक, भारत के सबसे बड़े डिजिटल सिंगल विंडो पोर्टल 'निवेश मित्र' का कार्यान्वयन है, जिसके जरिये उद्यमियों को लगभग 166 सेवाएं दी जाती हैं।

ये कंपनियां करेंगी यूपी में निवेश

आईडीए ने जिन लोगों को आवंटन दिया है, उसमें हीरानंदानी ग्रुप, सूर्या ग्लोबल, हिंदुस्तान यूनीलीवर, एमजी कैप्सूल, केश पैकेजिंग माउंटेन व्यू टैक्नोलॉजीज शामिल हैं। इनमें हीरानंदानी ग्रुप ग्रेटर नोएडा में 750 करोड़ से डेटा सेंटर बनाएगी। ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज 300 करोड़ से इंटीग्रेटेड फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाएगी। एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड पीएलसी (एबी मौरी) खमीर मैन्यूफैक्चरिंग में 750 करोड़ का निवेश करेगी। डिक्सन टेक्नालॉजीस कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में 200 करोड़ लगाएगी। पेप्सिको उत्तर प्रदेश में 814 करोड़ रु का निवेश करेगी।वेलिक्स (जर्मनी) फुटवियर निर्माण में 300 करोड़ का निवेश करेगी और सूर्या ग्लोबल फ्लेक्सी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड भी यूपी में निवेश करेगी।

गुड न्यूज:पेप्सिको भारत में बढ़ाएगी अपना कारोबार, उत्तर प्रदेश में करेगी 814 करोड़ रु का निवेश; मिलेंगे नौकरी के मौके



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Uttar Pradesh became the preferred state for investment for companies worldwide; 45,000 crore will be invested; 1.35 lakhs will get employment


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टैक्स सेविंग FD पर चाहिए ज्यादा ब्याज तो इंडसइंड और IDFC सहित इन बैंकों में करें निवेश

इन दिनों अगर आप इनकम टैक्स बचाने के लिए कहीं निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो टैक्स सेविंग के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश कर सकते हैं। 5 साल वाली FD में निवेश पर आयकर कानून का सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स की छूट ली जा सकती है। कई बैंक टैक्स सेविंग FD 6.50% से भी ज्यादा का ब्याज दे रहे हैं। हम आपको कुछ ऐसे बैंकों के बारे में बता रहे हैं जहां निवेश करने पर आपको टैक्स सेविंग FD पर आपको शानदार ब्याज मिलेगा।


1 लाख रुपए निवेश करने पर कितना मिलेगा रिटर्न?

बैंक कितनी रकम मिलेगी (रु) कितना ब्याज मिलेगा (रु)
DCB बैंक 139,927 39,927
इंडसइंड बैंक 138,624 38,624
IDFC बैंक 138,624 38,624
पोस्ट ऑफिस 138,299 38,299
RBL बैंक 137,008 37,008
यस बैंक 137,008 37,008
एक्सिस बैंक 130,696 30,696
ICICI 130,696 30,696
SBI 130,077 30,077

क्या है सेक्शन 80C?

आयकर कानून का सेक्शन 80C दरअसल इनकम टैक्स कानून, 1961 का हिस्सा है। इसमें उन निवेश माध्यमों का उल्लेख है, जिनमें निवेश कर आयकर में छूट का दावा किया जा सकता है। कई लोग वित्त वर्ष खत्म होने से पहले टैक्स बचाने के लिए निवेश करना शुरू करते हैं।



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income tax ; tax saving ; tax saving FD ; FD ; fixed deposit ; Invest more in these banks including IndusInd and IDFC if you want more interest on tax saving FD


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लागत कम करने के लिए कंपनियों ने इंटर्न की हायरिंग बढ़ाई, हेल्थकेयर-फार्मा सेक्टर में सबसे ज्यादा मांग

कोरोनावायरस महामारी के कारण सामाजिक और आर्थिक सिस्टम बिगड़ गया है। कई कारोबार बंद हो गए हैं। इस संकट से निपटने के लिए कंपनियों ने नया तरीका ढूंढ़ निकाला है। अब कंपनियां वर्कफोर्स की कमी को दूर करने और लागत को कम करने के लिए इंटर्न की हायरिंग बढ़ा रही हैं। हेल्थकेयर और फार्मास्युटिकल्स सेक्टर से इंटर्न की सबसे ज्यादा मांग आ रही है।

46% कंपनियों ने अप्रेंटिस की संख्या बढ़ाई

टीमलीज की अप्रेंटिस आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई-दिसंबर 2020 के बीच 46% कंपनियों ने अपने अप्रेंटिस पूल की संख्या में बढ़ोतरी की है। इस साल की पहली छमाही में नेट अप्रेंटिस आउटलुक 3% रहा है। टीमलीज स्किल यूनिवर्सिटी NETAP के वाइस प्रेसीडेंट सुमित कुमार का कहना है कि कंपनियों के बीच अप्रेंटिस की हायरिंग का ओवरऑल सेंटिमेंट सकारात्मक है। सुमित के मुताबिक, लॉकडाउन के शुरुआती महीनों में हायरिंग में कमी आई थी। लेकिन अब इसमें धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। खासतौर पर जून-जुलाई से सुधार आया है।

इन सेक्टरों में इंटर्न हायरिंग की सबसे ज्यादा मांग

सेक्टर मांग (% में)
हेल्थकेयर-फार्मास्युटिकल्स 42
मैन्युफैक्चरिंग-इंजीनियरिंग 40
रिटेल 38
ई-कॉमर्स 38

इन सेक्टर्स में इंटर्न की मांग नहीं

सेक्टर मांग (% में)
ट्रैवल एंड हॉस्पिटेलिटी -10
एजूकेशन -7
ब्यूटी एंड वैलनेस -5

इन वजहों से बढ़ाई इंटर्न की हायरिंग

  • कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुई वर्कफोर्स की कमी को पूरा करने के लिए।
  • रेग्युलर वर्कफोर्स की रीस्ट्रक्चरिंग योजना।
  • बेसिक स्तर पर कर्मचारी लागत में सुधार करना।
  • कोरोना का कारण मांग में आई आपूर्ति के लिए क्षमता विकसित करना।
  • प्रशिक्षित स्टाफ की अन-उपलब्धता।

तकनीकी जानकारी वाले अप्रेंटिंस की ज्यादा मांग

सर्वे के मुताबिक, कंपनियां ऐसे अप्रेंटिस की मांग ज्यादा कर रही हैं, जिनके पास तकनीकी जानकारी के साथ सीखने की इच्छा है। साथ ही उनका कम्युनिकेशन स्किल भी अच्छा है। सुमित कुमार के मुताबिक, कोरोना महामारी ने अप्रेंटिस और टैलेंट पूल पर निवेश करने की संभावना पैदा की है। खासतौर पर स्थानीय टैलेंट पूल की आवश्यकता पर ध्यान गया है। इससे कोविड-19 जैसी परिस्थितियों में वर्कफोर्स की कमी को पूरा किया जा सकता है।



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कोरोना महामारी ने अप्रेंटिस और टैलेंट पूल पर निवेश करने की संभावना पैदा की है। खासतौर पर स्थानीय टैलेंट पूल की आवश्यकता पर ध्यान गया है।


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भारत में लॉन्च हुई एपल वन सर्विस, एक महीने मुफ्त में कर सकेंगे इस्तेमाल, जानिए साइन-अप की पूरी प्रोसेस

एपल ने अपनी नई सर्विस एपल वन को भारत समेत कई देशों में लॉन्च कर दिया है, कंपनी के सीईओ टिम कुक ने इसकी घोषणा की। एपल वन एक सब्सक्रिप्शन बंडल है, जिसमें एपल म्यूजिक, टीवी प्लस, आर्केड और आईक्लाउड स्टोरेज सर्विसेस शामिल हैं। एपल वन की कीमत 195 रुपए प्रति माह ( इंडिविजुअल के लिए) और 365 रुपए प्रति माह (फैमिली के लिए) है। अब भारतीय यूजर इसे साइन अप कर सकते हैं।

एपल वन के इंडिविजुअल प्लान में एपल म्यूजिक, एपल टीवी प्लस, एपल आर्केड और 50 जीबी आईक्लाउड स्टोरेज शामिल है। यदि आप एपल वन फैमिली में अपग्रेड करते हैं, तो आपको 200GB का आईक्लाउड स्टोरेज मिलता है, और सभी बेनेफिट्स को फैमिली शेयरिंग के हिस्से के रूप में परिवार के 6 सदस्यों के साथ शेयर किया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके और यूएस में एक तीसरा टियर उपलब्ध है - एपल वन प्रीमियर (2,236 रुपए प्रति माह) - जिसमें एपल न्यूज प्लस और नया एपल फिटनेस प्लस (अभी लॉन्च किया जाना) और 2 टीबी तक का iCloud स्टोरेज मिलता है।

एपल वन के लिए कैसे साइन-अप करें...

  • साइन-अप करने के लिए, ऐप स्टोर पर जाएं, फिर अपने प्रोफाइल पिक्चर पर टैप करें। इसके बाद सब्सक्रिप्शन पर टैप करें।
  • इसके बाद 'Get Apple One' के तहत 'Try it now' पर टैप करें।
  • अब आप एपल वन का एक महीने मुफ्त ट्रायल ले सकेंगे, एक महीने बाद इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको भुगतान करना होगा।

ये भी पढ़ सकते हैं...

1. एपल ने म्यूजिक टीवी चैनल लॉन्च किया, यहां 24 घंटे पॉपुलर म्यूजिक वीडियो देख पाएंगे; जानिए कैसे कर पाएंगे इस्तेमाल?

2. एपल यूजर्स को महंगा पड़ेगा ऐप्स और इन-ऐप खरीदारी करना, कंपनी ने भारत समेत पांच देशों में बढ़ाई ऐप स्टोर की कीमतें

3. सर्च पर गूगल की दादागिरी खत्म करेगा एपल! बना रहा है गूगल का विकल्प

व्यक्तिगत रूप से, इन सभी सेवाओं के लिए सदस्यता बहुत अधिक है।

  • एपल म्यूजिक की कीमत स्टूडेंट्स के लिए प्रति माह 49 रुपए प्रति माह, इंडिविजुअल के लिए 99 रुपए प्रति माह है और फैमिली (6 सदस्यों) के लिए 149 रुपए प्रति माह है।
  • एपल टीवी प्लस और एपल आर्केड दोनों के लिए 99 रुपए प्रति माह है, जिसमें फैमिली शेयरिंग शामिल है।
  • iCloud के लिए 75 प्रति माह (50GB), 219 रुपए प्रति माह (200GB) और 749 रुपए प्रति माह (2TB) है।
  • एपल न्यूज प्लस और एपल फिटनेस प्लस दोनों के लिए 745 रुपए प्रति माह है, जिसमें फैमिली शेयरिंग शामिल है।
  • एपल वन इंडिविजुअल के साथ 177 रुपए और एपल वन फैमिली के साथ 201 रुपए प्रति माह और एपल वन प्रीमियर के साथ 1863 रुपए प्रति माह की बचत करते हैं।
  • यह लाभ केवल तभी मिलेगा जब आप सब्सक्रिप्शन बंडल में शामिल हर सर्विस के लिए साइन अप करते हैं।


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Apple One launched in India, can be used for one month for free, know the whole process of sign-up


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Dynamatic inks pact with CSIR-CSIO for joint development of futuristic solutions

Dynamatic inks pact with CSIR-CSIO for joint development of futuristic solutions "Our partnership with CSIO is aligned to Government of India#39;#39;s vision of #AatmaNirbharBharat. Symbiotic relationships between private sector and government research labs will go a long way in our endeavour to build a self-reliant India", a Dynamatic statement said.

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जियो पेमेंट्स बैंक पर RBI ने 1 करोड़ रु. का जुर्माना लगाया, एमडी-सीईओ की दोबारा नियुक्ति की जानकारी देरी से देने का आरोप

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने जियो पेमेंट्स बैंक पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) की दोबारा नियुक्ति की जानकारी देरी से देने पर यह जुर्माना लगाया गया है। RBI ने एक बयान में यह जानकारी दी है।

नियमों का पालन न करने पर केंद्रीय बैंक की कार्यवाही

RBI ने बयान में कहा है कि नियमों का पालन नहीं करने पर यह जुर्माना लगाया गया है। RBI के मुताबिक, जियो पेमेंट्स बैंक ने सेक्शन 47(1)(C) का उल्लंघन किया है। RBI का कहना है कि जियो पेमेंट्स बैंक ने किसी भी ट्रांजेक्शन को पूरा करने की तय समयसीमा के रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन किया है।

चार महीने पहले देनी थी जानकारी

RBI एक्ट के सेक्शन 35B के मुताबिक, जियो पेमेंट्स बैंक को MD और CEO दोबारा नियुक्ति की जानकारी कार्यकाल खत्म होने से चार महीने पहले देनी थी। लेकिन बैंक ने यह जानकारी कार्यकाल खत्म होने से 1 महीने पहले दी है। इसके लिए एक खास प्रारुप में आवेदन करना होता है।

SEBI ने टाइटन के कर्मचारी पर 2 लाख रु. का जुर्माना लगाया

सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने टाइटन कंपनी के कर्मचारी पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना 2018 में इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों के उल्लंघन पर लगाया गया है। कर्मचारी को इस जुर्माने का भुगतान 45 दिन में करना है।

साई प्रकाश प्रॉपर्टीज डेवलपमेंट और 6 अन्य पर 25 लाख का जुर्माना

एक अन्य मामले में SEBI ने साई प्रकाश प्रॉपर्टीज डेवलपमेंट और 6 अन्य इंडिविजुअल पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना निवेशकों से फंड जुटाने में रेगुलेटरी नियमों का पालन नहीं करने पर लगाया गया है।



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RBI का कहना है कि जियो पेमेंट्स बैंक ने किसी भी ट्रांजेक्शन को पूरा करने की तय समयसीमा के रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन किया है। 


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हीरो एक्सट्रीम 160R पर मिल रहा है कुल 14500 रुपए का डिस्काउंट, जानिए क्या है पूरी डील और ऑफर की लास्ट डेट

हीरो मोटोकॉर्प ने एक्सट्रीम 160R मोटरसाइकिल को कुछ समय पहले ही लॉन्च किया है और इसे काफी अच्छा रिस्पॉन्स भी मिल रहा है। फेस्टिव सीजन में ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को लुभाने के लिए कंपनी इस पर काफी बड़ा डिस्काउंट ऑफर कर रही है।

पेटीएम से भुगतान करने पर ज्यादा कैश बैक

  • हीरो की तरफ से बाइक पर 2,000 रुपए का कॉर्पोरेट डिस्काउंट, 3 हजार रुपए का एक्सचेंज बोनस, 2,000 रुपए का लॉयल्टी बोनस दिया जा रहा है। साथ ही डेबिट कार्ड या आईसीआईसीआई क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर 5 हजार रुपए का कैश डिस्काउंट और पेटीएम से भुगतान करने पर 7500 रुपए का कैश डिस्काउंट दिया जा रहा है।
  • सभी को जोड़ लिया जाए, तो हीरो एक्सट्रीम 160R पर कुल 14500 रुपए का डिस्काउंट दिया जा रहा है। ऑफर सिर्फ 17 नवंबर तक लागू है।
  • अगर आप एक स्पोर्टी लुक वाली बाइक खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो हीरो एक्सट्रीम 160R आपके लिए एक बढ़िया ऑप्शन हो सकती है।
  • नेकेड स्ट्रीटफाइटर लाइटवेट चेसिस, रिफाइंड इंजन और स्लीक ट्रांसमिशन के साथ आती है।

बाइक में क्या है खास?

  • एक्सट्रीम 160R में 160 सीसी, सिंगल-सिलेंडर, एयर-कूल्ड फ्यूल-इंजेक्टेड इंजन से लैस है।
  • इंजन 8,500 आरपीएम पर 15 बीएचपी का अधिकतम पावर आउटपुट और 6,500 आरपीएम पर दिया गया 14 एनएम पीक टॉर्क जनरेट करता है।
  • इसे पांच-स्पीड ट्रांसमिशन के साथ जोड़ा गया है।
  • इसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे 0 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचने में सिर्फ 4.7 सेकंड का समय लगता है।
  • बाइक में ऑल-डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, सिंगल-चैनल एबीएस सिस्टम, शार्प एलईडी हेडलैंप, हजार्ड लाइट स्विच, साइड स्टैंड इंजन कट ऑफ, स्पोर्टी बॉडी पैनल, कॉम्पैक्ट रियर सेक्शन और जैसे फीचर्स से लैस है।
  • एक्सट्रीम 160R के सिंगल डिस्क वैरिएंट की कीमत 1.02 लाख रुपए जबकि डुअल डिस्क वैरिएंट की कीमत 1.05 लाख रुपए है। (दोनों कीमतें, एक्स-शोरूम)।
  • बाजार में हीरो एक्सट्रीम 160R का मुकाबला टीवीएस अपाचे RTR 160 4V, होंडा X-Blade, सुजुकी जिक्सर, बजाज पल्सर NS 160 से है।


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Hero Extreme 160R is Getting a Total Discount of 14500 Rupees, Know Complete Deal and Last Date


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फिक्स्ड डिपॉजिट पर घटती ब्याज दरों से न हों परेशान, पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र स्कीम में करें निवेश

देश के कई बड़े बैंकों ने हाल ही में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाले ब्याज में कटौती की है। ऐसे में निवेशक असमंजस में है कि ज्यादा रिटर्न के लिए पैसा कहां निवेश करें। अगर आप भी इसी परेशानी में है तो पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र (KVP) बचत स्कीम में पैसा लगा सकते हैं। इसमें आपको FD से ज्यादा ब्याज तो मिलता ही है साथ में आपका पैसा भी सेफ रहता है। हम आपको इस स्कीम के बारे बता रहे हैं।


इसमें मिल रहा ब्याज 6.9% सालाना ब्याज
इस स्कीम के तहत एक तरह का प्रमाण पत्र दिया जाता है, जिसे कोई भी व्‍यक्ति खरीद सकता है। पोस्ट ऑफिस बॉन्ड की तरह प्रमाण पत्र के रूप में इसे जारी किया जाता है। इस पर एक तय ब्याज मिलता है। इसे देश भर में फैले डाक घरों से खरीदा जा सकता है। इस पर फिलहाल 6.9% का ब्याज मिल रहा है।


कितना भी पैसा कर सकते हैं निवेश
किसान विकास पत्र में निवेश करने की कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है। हालांकि आपका न्यूनतम निवेश 1000 रुपए का होना चाहिए। आप 100 रुपए के मल्टीपल में कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं। इसमें एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति को यह सर्टिफिकेट ट्रांसफर किया जा सकता है। एक पोस्‍ट ऑफिस से दूसरे पोस्‍ट ऑफिस में भी इसे ट्रांसफर किया जा सकता है। इसे देश के कुछ बैंकों से भी ऑनलाइन तरीके से खरीदा जा सकता है।


ज्वॉइंट अकाउंट खोलने की भी मिलती है सुविधा
किसान विकास पत्र में निवेश करने वाले की उम्र कम से कम 18 साल होना जरूरी है। इसमें सिंगल अकाउंट के अलावा ज्वॉइंट अकाउंट की भी सुविधा है। वहीं योजना में नाबालिग भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन इसकी देखरेख उनके पैरेंट्स को करनी होगी।


इसमें ढाई साल का रहता है लॉक इन पीरियड
अगर आप अपना निवेश निकालना चाहते हैं तो आपको कम से कम ढाई साल (30 महीने) का इंतजार करना होगा। इसमें ढाई साल का लॉक इन पीरियड रखा गया है।

कितने समय में डबल होता है पैसा?
अगर आप किसान विकास पत्र में पैसा लगाते हैं तो यह मौजूदा के 6.9 फीसदी की सलाना ब्याज दर के हिसाब से करीब 10 साल 4 महीनों (124 महीने) में डबल हो जाएगा।


इसमें निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

  • अगर आप इनकम टैक्स सेविंग के लिए निवेश करना चाहते हैं तो इसमें निवेश करना सही नहीं रहेगा। इस स्कीम में निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है।
  • अगर आप मैच्योरिटी पीरियड के दौरान बीच-बीच में इस पर मिलने वाला ब्याज विड्रॉल करना चाहते हैं तो, इस स्कीम में निवेश करने पर आप ऐसा नहीं कर सकेंगे।
  • इसमें ढाई साल का लॉक इन पीरियड रहता है यानी आप 30 महीनों तक पैसा नहीं निकाल सकेंगे। इसीलिए जो लोग 1-2 दाल के लिए निवेश करना चाहते हैं इनके लिए ये स्कीम ठीक नहीं है।


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इस स्कीम में निवेश करने पर आपका पैसा 10 साल 4 महीनों (124 महीने) में डबल हो जाएगा


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दूसरी तिमाही में मजबूत नतीजों का असर; इन शेयरों पर निवेशकों को खरीदारी की सलाह, मिलेगा 32% तक का रिटर्न

सितंबर तिमाही के नतीजों के बाद चुनिंदा शेयरों पर ब्रोकरेज हाउसेस निवेशकों को निवेश की सलाह दे रहे हैं। इसमें निवेशकों को 32% तक का रिटर्न मिल सकता है। हीरो मोटोकॉर्प और एयू स्मॉल फाइनेंस के शेयर 20% से अधिक का रिटर्न दे सकती हैं। इसके अलावा निवेशकों को मारुति और स्ट्राइड फार्मा के शेयरों से 10% से अधिक का रिटर्न मिल सकता है।

फेस्टिव सीजन का असर

फेस्टिव सीजन में नवरात्रि और दशहरा के दौरान हीरो मोटोकॉर्प की रिटेल बिक्री पिछले साल की तुलना में 4% कम हुई है। हालांकि, मैनेजमेंट को उम्मीद है कि दिवाली और धनतेरस के दौरान हिंदी बेल्ट में रिटेल बिक्री सुधरेगी। इसके अलावा अमेरिकी बाइक कंपनी हार्ले-डेविडसन के साथ डीलरशिप का करार हुआ है। ऐसे में ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने कंपनी के शेयर पर खरीदारी की सलाह दी है। शेयर के लिए 3,700 रुपए का टार्गेट दिया है।

बैंक ऑफ बड़ौदा

सितंबर तिमाही में सरकारी बैंक का नेट इंट्रेस्ट इनकम (NII) 6.8% बढ़कर 7,508 करोड़ रुपए हो गया। बैंक का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 1,771 करोड़ रुपए रहा। सितंबर तिमाही में बैंक का ऑपरेटिंग प्रॉफिट सालाना आधार पर 4% बढ़कर 5,552 करोड़ रुपए हो गया है। बैंक ने कहा कि दूसरी तिमाही में रिटेल वितरण और डिस्बर्समेंट पिछले साल की तुलना में 119% रहा, जो पिछली तिमाही में 37% रही थी। बैंक के शेयर पर ब्रोकरेज हाउसेस ने निवेशकों को निवेश की सलाह दी है। शेयर पर 48 रुपए का टार्गेट दिया गया है।

इन शेयरों पर भी मोतीलाल ओसवाल ने दी खरीदारी की सलाह -

कंपनी टार्गेट (रुपए) रिटर्न (%)
स्ट्राइड फार्मा 790 14
मारुति सुजुकी 7,850 12
हैवल्स इंडिया 765 5
इंटरग्लोब एविएशन 1,350 3

मारुति सुजुकी को दूसरी तिमाही में 1371 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। रेवेन्यू भी 10% बढ़ा है। साथ ही एबीटा में 20% की ग्रोथ देखने को मिली है। सालाना आधार पर एबीटा मार्जिन में 10.3% की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस साल फेस्टिव सीजन के 10 दिनों में डिलिवरी 27% बढ़कर 96.7 हजार यूनिट्स रही। ब्रोकरेज हाउसेस ने खरीदारी की सलाह दी है। शेयर पर निवेशकों को 7,850 रुपए का टार्गेट दिया गया है, जो शुक्रवार को 6956 रुपए के भाव पर बंद हुआ है।

हैवल्स पर खरीदारी की सलाह

इलेक्ट्रिकल सामान बनाने वाली कंपनी हैवल्स को सितंबर तिमाही में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 82% अधिक मुनाफा हुआ। इस तिमाही में कंपनी को कुल प्रॉफिट 326.36 करोड़ रुपए रहा। दूसरी तिमाही में कंपनी का रेवन्यू भी 12.3% बढ़कर 2,539 करोड़ रुपए रहा। शानदार नतीजों के चलते मोतीलाल ओसवाल कंपनी के शेयरों पर बुलिश है और निवेशकों को हैवल्स इंडिया पर 765 रुपए का टोर्गेट दिया है।

मोतीलाल ने फार्मा स्टॉक स्ट्राइड फार्मा और इंटरग्लोब एविएशन पर खरीदारी की सलाह दी है। जबकि दूसरी तिमाही में पिछले साल की तुलना में रेवेन्यू 16% कम होने के कारण ब्लू स्टार पर बिकवाली की सलाह दी है। निवेशकों को नीचे की ओर 570 रुपए का टार्गेट दिया है, जो शुक्रवार को 626 के भाव पर बंद हुआ है।



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वर्क फ्रॉम होम में कई चुनौतियों का सामना कर रहे इंजीनियर, 37% में काम के घंटे बढ़ने से तनाव

अधिकांश इंजीनियर्स ने वर्क फ्रॉम होम की वकालत की है। लेकिन इसमें से 37% इंजीनियर्स वर्क फ्रॉम होम के दौरान चुनौतियों का सामना कर रहा हैं। खासतौर पर काम के घंटे बढ़ने पर यह इंजीनियर तनाव महसूस कर रहे हैं। आईपी ड्राइवन इन्कयूबेशन लैब ब्रिजलैब्ज के सर्वे में यह बात सामने आई है। सर्वे के मुताबिक, प्रोफेशनल अनुभव के बावजूद 64% इंजीनियर्स ने रिमोट वर्किंग को आसान बताया है। वहीं 36% ने इसे चुनौतीपूर्ण बताया है।

1 हजार इंजीनियर्स पर किया गया सर्वे

यह ऑनलाइन सर्वे ब्रिजलैब्ज के 1000 से ज्यादा एल्युमिनी पर 16 से 28 अक्टूबर के बीच किया गया है। इस सर्वे में 1 साल से कम से लेकर 5 साल से ज्यादा तक अनुभव वाले इंजीनियर्स को शामिल किया गया है। इस सर्वे में वर्क फ्रॉम होम की कोशिश के दौरान 'घर पर काम को संतुलित करने की कोशिश' सबसे पॉपुलर जवाब बनकर सामने आया है। सर्वे में शामिल 58% एम्पलॉयी ने कहा कि हेल्थी वर्क-लाइफ बैलेंस को बनाए रखने के लिए वे लगातार घरेलू कार्यों में हिस्सा लेते हैं।

22% इंजनियर साथियों से कॉन्टैक्ट बनाते हैं

सर्वे के मुताबिक, रिमोट वर्किंग के दौरान 22% इंजीनियर अपने साथियों से कॉन्टैक्ट बनाते हैं। वहीं शेष 20% इंजीनियर आराम के लिए लगातार ब्रेक लेते रहते हैं। सर्वे के मुताबिक, टेली वर्किंग के दौरान 37% इंजीनियर काम के घंटों में बढ़ोतरी को सबसे बड़ी बाधा मानते हैं। 29% इंजीनियर लगातार टेक्नीकल एरर और खामियों का सामना करते हैं।

5 साल से ज्यादा अनुभव वालों को तकनीकी समस्या सबसे ज्यादा

सर्वे में सामने आया है कि 5 साल से ज्यादा अनुभव वाले करीब 40% इंजीनियर अपने साथियों के मुकाबले ज्यादा तकनीकी समस्या का सामना करते हैं। इसके अलावा सर्वे में इंजीनियर्स ने सहकर्मी (20%) और ध्यान की कमी (13%) को भी अन्य चुनौती के तौर पर रिपोर्ट किया है।

स्किल को बढ़ाना समय की जरूरत

ब्रिजलैब्ज के फाउंडर नारायण महादेवन का कहना है कि यह सर्वे आज ग्लोबल वर्कफोर्स के सामने आ रही समस्याओं के बारे में बताता है। महादेवन के मुताबिक, यह काफी रोमांचक है कि आधे दशक से ज्यादा अनुभव वाले इंजीनियर रिमोट वर्किंग के दौरान तकनीकी समस्या का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी के लिए लगातार सीखना और स्किल को बढ़ाना समय की जरूरत हैं। इसमें इंडस्ट्री मायने नहीं रखती है।



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ब्रिजलैब्ज के फाउंडर नारायण महादेवन का कहना है कि यह काफी रोमांचक है कि आधे दशक से ज्यादा अनुभव वाले इंजीनियर रिमोट वर्किंग के दौरान तकनीकी समस्या का सामना कर रहे हैं।


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Lessons from lockdown: Smartphone replaces books for Indian school children

Lessons from lockdown: Smartphone replaces books for Indian school children Academic continuity during school closure has meant that students have to rely on online lessons to stay tuned to the classroom. But, does everyone have access?

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ज्वैलर्स को त्यौहारी सीजन में सोने की अच्छी बिक्री की उम्मीद, दशहरे की खरीदारी से मिला प्रोत्साहन

कोरोना महामारी के कारण देश में छाई आर्थिक मंदी के बीच दशहरे के दौरान हुई बिक्री ने भारतीय ज्वैलर्स को स्टॉक रखने के लिए प्रोत्साहित किया है। भारतीयों ने हाल ही में दशहरा उत्सव मनाया, और अब नवंबर में दिवाली और धनतेरस का इंतजार है। मुंबई के एक डीलर ने कहा कि दशहरा बिक्री ने ज्वैलर्स को विश्वास दिलाया। वे अब दिवाली के लिए खरीदारी कर रहे हैं।


ऊंची कीमतों के साथ एडजेस्ट कर रहे लोग
पिछले हफ्ते कीमतों पर 5 डॉलर प्रीमियम प्रति औंस लिया गया जो पहले एक डॉलर का प्रीमियम लिया जाता था। जिसमें 12.5% इंपोर्ट और 3% सेल्स लेवी होती थी। लोकल मार्केट में गोल्ड फ्यूचर 50,500 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। मुंबई के एक ज्वैलर के अनुसार अब लोग सोने की ऊंची कीमतों के साथ एडजेस्ट कर रहे हैं।


चीन कर रहा छूट की पेशकश
ब्रायन लैन, प्रबंध निदेशक डीलर गोल्ड सिल्वर सेंट्रल के अनुसार विदेशों में, विशेषकर दुबई, भारत और चीन के ग्राहकों से आभूषणों की बहुत अधिक मांग आती है। अब यात्रा प्रतिबंधों के कारण, कई लोगों को सिंगापुर में रहने की अनुमति नहीं है,” और इससे दीवाली की मांग प्रभावित हो सकती है।


चीन के व्यापारियों ने पिछले सप्ताह $ 30- $ 32 प्रति औंस बनाम $ 30- $ 33.5 की छूट की पेशकश की। विश्व गोल्ड काउंसिल के एक अधिकारी ने कहा कि चीनी छूट चौथी तिमाही में कम होगी क्योंकि मांग धीरे-धीरे सुधरेगी। हांगकांग में, सोना 0.50 डॉलर की छूट और $ 1.50 के प्रीमियम के बीच बेचा गया था। एलपीएम ग्रुप लिमिटेड के प्रोडक्ट मैनेजर कीनान ब्रैकेनरिज ने कहा कि पिछले एक महीने में कम आपूर्ति में व्यवधान और कमजोर मांग के कारण आपूर्ति में वृद्धि हुई है


वैश्विक स्तर पर 19% घटी सोने की मांग
वैश्विक स्तर पर सोने की मांग जुलाई-सितंबर की तिमाही में 19% घटकर 892.3 टन रही। यह सोने की वैश्विक मांग का 2009 की तीसरी तिमाही से सबसे निचला स्तर है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के कारण सोने की मांग में भारी गिरावट आई है। जुलाई-सितंबर, 2019 में सोने की वैश्विक मांग 1,100.2 टन थी।


भारत में 30% घटी मांग
सितंबर तिमाही में भारत में सोने की मांग साल भर पहले की तुलना में 30% कम होकर 86.6 टन पर पहुंच गई। डब्ल्यूजीसी की तीसरी तिमाही सोना मांग ट्रेंड रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की सितंबर तिमाही में सोने की कुल मांग 123.9 टन रही थी। मूल्य के आधार पर, इस दौरान सोने की मांग पिछले साल के 41,300 करोड़ रुपए की तुलना में 4% कम होकर 39,510 करोड़ रुपए पर आ गई।



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सितंबर तिमाही में भारत में सोने की मांग साल भर पहले की तुलना में 30% कम होकर 86.6 टन पर पहुंच गई


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The definitive guide to luxury festive gifting

The definitive guide to luxury festive gifting Dior’s jewels to Bally bags, luxury spirits to handmade accoutrements, our indulgence list is sumptuous and a harbinger of cheer after months of austerity.

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Future of fashion weeks: Digital and on-ground experiences collide in disruptive, democratic ways

Future of fashion weeks: Digital and on-ground experiences collide in disruptive, democratic ways The first fashion week to go digital was the Shanghai Fashion Week, which pioneered digital pivots such as live streaming. Hosted in March, it is considered a model for how digital experiences will remain at the fulcrum of fashion weeks in 2020. The event’s streams reached over 11 million views and generated over RMB 20 million in gross merchandise volume.

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351 DBT स्कीम के जरिए मोदी सरकार ने बचाए 1.70 लाख करोड़ रुपए, 51 मंत्रालयों में लागू है यह स्कीम

मोदी सरकार के नाम एक बड़ी उपलब्धि की खबर है। केंद्र सरकार ने 351 स्कीम के जरिए 1.70 लाख करोड़ रुपए की बचत की है। यह वह स्कीम्स हैं जिनके जरिए देश भर में सरकार की ओर से पैसे भेजे गए हैं। यह पैसे गरीबों, किसानों, सीनियर सिटिजन आदि को विभिन्न योजनाओं के जरिए भेजे गए हैं। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई है।

स्कीम्स के जरिए सीधे मिल रहे हैं पैसे

जानकारी के मुताबिक सरकार की विभिन्न स्कीम्स जैसे जनधन खाता, आधार और मोबाइल नंबर के जरिए सीधे लाभार्थियों तक पैसे भेजने की व्यवस्था से बिचौलियों के हाथों में 1 लाख 70 हजार करोड़ से ज्यादा की धनराशि जाने से बच गई। मोदी सरकार की ओर से 51 मंत्रालयों की 351 योजनाओं में लागू हुई डायरेक्ट बेनिफेट ट्रांसफर(DBT) स्कीम से यह संभव हुआ। जैम ट्रिनिटी यानी जनधन-आधार-मोबाइल से डीबीटी योजनाओं में फर्जी लाभार्थियों की पहचान आसान हुई। जिससे सरकारी योजनाओं में सेंधमारी) रोककर योजनाओं के असली हकदार तक लाभ पहुंचाने में सफलता मिली है।

6 सालों में लाभार्थियों को मिले 12.95 लाख करोड़ रुपए

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले छह वर्षों में डीबीटी के तहत अब तक 12 लाख 95 हजार 468 करोड़ रुपए लाभार्थियों के खाते में जा चुके हैं। वर्ष 2020-21 में मनरेगा, PDS, प्रधानमंत्री आवास योजना, सामाजिक सहायता आदि योजनाओं के लाभार्थियों के खाते में सीधे 2 लाख10 हजार 244 करोड़ रुपए भेजे गए।

मनरेगा में आधार को जोड़कर रोका भ्रष्टाचार

मनरेगा में जब से मजदूरों के जॉब कार्ड और खातों को आधार से जोड़ा गया तो भारी संख्या में फर्जी लाभार्थी पकड़ में आए हैं। दिसंबर 2019 तक 5.55 लाख फर्जी मजदूरों का मामला पकड़ में आने पर उन्हें योजना से हटाया गया। जिससे 24 हजार 162 करोड़ रुपए बचाए गए हैं। इसी तरह DBT स्कीम के कारण महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से जुड़ीं योजनाओं में 98.8 लाख फर्जी लाभार्थियों का खुलासा हुआ। फर्जी लाभार्थियों के नाम हटाए जाने से 1,523.75 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा नहीं हो सका।

66 हजार करोड़ रुपए बचाए

आधार, मोबाइल लिंक की अनिवार्यता से सरकारी राशन वितरण में 66 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि को सरकार गलत हाथों में जाने से रोक सकी। खाद्य और सार्वजनिक वितरण व्यवस्था (PDS) से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, टेक्नोलॉजी की मदद से कुल 2.98 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को सिस्टम से हटाने के कारण कुल 66 हजार 896 करोड़ रुपए बचाए गए। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, सरकार के 51 मंत्रालयों ने 31 दिसंबर 2019 तक कुल 1 लाख 70 हजार 377 करोड़ रुपए बचाए।

डीबीटी के जरिए फर्जीवाड़ा खत्म

केंद्र सरकार में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम पर बारीक नजर रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि जैम ट्रिनिटी (जन धन- आधार- मोबाइल) ने बिचौलियों के मकड़जाल को खत्म कर दिया है। टेक्नोलॉजी के माध्यम से भ्रष्टाचार रोकने का यह एक सफल उदाहरण है। मनरेगा में उसे ही पैसा मिल रहा है, जो सचमुच में फावड़ा लेकर खुदाई कर रहा है। पहले आधार लिंक न होने का फायदा उठाते हुए फर्जी मजदूरों के नाम पर धनराशि निकलती थी। इसी तरह पीडीएस सिस्टम से लेकर फर्टिलाइजर्स, पेट्रोलियम मिनिस्ट्री से जुड़ीं तमाम योजनाओं में सरकारी धनराशि का दुरुपयोग रुका है, जिनमें भारी सब्सिडी जाती है।

इसमें मिलती है डीबीटी से रकम

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, दरअसल, एलपीजी गैस सब्सिडी, मनरेगा भुगतान, वृद्धावस्था पेंशन, छात्रवृत्ति जैसी तमाम सामाजिक सहायता की योजनाओं के लाभार्थियों के खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर करने की योजना है। यूं तो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर(डीबीटी) स्कीम, एक जनवरी 2013 से शुरू हुई। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में पूरे देश में मिशन मोड में इसे लागू करने पर जोर दिया। पहले चरण में 43 जिलों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम शुरू हुई, फिर 78 जिलों को जोड़ा गया। 12 दिसंबर 2014 को पूरे देश में इस योजना को लागू कर दिया गया। मोदी सरकार ने मनरेगा में डीबीटी स्कीम लागू की।

38 करोड़ जनधन खाते, 100 करोड़ आधार

इलेक्ट्रानिक पेमेंट फ्रेमवर्क के जरिए उन सभी योजनाओं में सीधे लाभार्थियों के खाते में पैसा जाने लगा, जिसमें नकद भुगतान की व्यवस्था रही। देश में 38 करोड़ से अधिक जनधन खाते, सौ करोड़ आधार, सौ करोड़ मोबाइल से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को धरातल पर उतारने में आसानी मिली है।



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देश में 38 करोड़ से अधिक जनधन खाते हैं। इलेक्ट्रानिक पेमेंट फ्रेमवर्क के जरिए उन सभी योजनाओं में सीधे लाभार्थियों के खाते में पैसा जाने लगा, जिसमें नकद भुगतान की व्यवस्था रही है। जनधन खातों के साथ मनरेगा, गैस सब्सिडी आदि भी लोगों को मिल रही है


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Lottery Sambad Result October 31: #39;Dear Bangasree Damodar#39; lottery winners to be announced today at 4 pm

Lottery Sambad Result October 31: #39;Dear Bangasree Damodar#39; lottery winners to be announced today at 4 pm Lottery Sambad Result: The first prize winner of the #39;Dear Bangasree Damodar#39; lottery will win Rs 50 lakh.

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ICICI Bank likely to see significant jump in Q2 profit, but loan growth may slow down

ICICI Bank likely to see significant jump in Q2 profit, but loan growth may slow down Net interest income is expected to be more than 12 percent year-on-year with slowing down loan growth to around 5-6 percent YoY, but deposits growth could be around 18-20 percent YoY.

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Start-up Street: Social justice and the start-up ecosystem

Disparities in start-ups are a global phenomenon and affirmative action is needed to ensure an equal opportunities environment for aspiring...